सेल्फी के शौखिन अब सिर्फ यंगस्टर हीं नहीं रह गए हैं। बल्कि सेल्फी लेने के लिए तो महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक मैं एक क्रेज देखने को मिल जाता है। आज के दौर में हर एक इंसान हर लम्हे को फोटो में कैप्चर करना चाहता है। और इसका सबसे ट्रेंडिंग चलन है सेल्फी। कही घूमने गए तब सेल्फी, कुछ खा रहे है तब सेल्फी, कुछ अच्छा पहना है तब सेल्फी, अब तो सेल्फी लेने के लिए बहानों की कोई कमी नहीं रहती। लेकिन आज जो वारदात हम बताने वाले हैं इस सेल्फी किस्से के साथ जुड़ा है वंदे भारत ट्रेन का 150 किलोमीटर का सफर।
भारत में स्पेशल ट्रेन वंदे भारत चलाई गई है। ये ट्रेन आम ट्रेन से काफी ज्यादा सुपर फास्ट, मॉर्डन और कई सुविधाओ से लेस है। वंदे भारत की एक सर्विस हाल ही में सिकंदराबाद से विशाखापट्टनम के लिए शुरू हुई है। आपको वंदे भारत ट्रेन एक मेट्रो ट्रेन की तरह ही ऑटोमैटिक भी है जिसका गेट ऑटोमैटिक बंद और खुल जाता है। ऑटोमैटिक गेट पैसेंजर्स के लिए लाभदायक साबित होता है लेकिन यही ऑटोमैटिक गेट कभी किसी के लिए हानिकारक भी बन सकता है।
सेल्फी लेने के चक्कर ट्रेन में ही फसा व्यक्ति
दरअसल राजमुंद्री स्टेशन पर एक शख्स ने प्लेटफार्म पर वंदे भारत ट्रेन को देखा तो उसका मन हुआ की ट्रेन के अंदर जाकर जरा ट्रेन का हुलिया देखा जाए और सेल्फी क्लिक की जाई। लेकिन वो शख्स जैसे ही ट्रेन में दाखिल हुआ ट्रेन का ऑटोमैटिक गेट अपने आप बंद हो गया और सेल्फी लेने चढ़ा शख्स भी ट्रेन में ही बंद हो गया। अब ट्रेन में सेल्फी लेने के चाकर में चढ़े व्यक्ति को सेल्फी लेने का मोका ही नहीं मिला।
सेल्फी लेने के चक्कर में 300 किलोमीटर करना पड़ा सफर
Welcome to East Godavari .
Telugu Uncle got onto the Vande Bharat train in Rajamundry to take a picture and the automatic system locked the doors once the train started moving. 😂😂😂Loving the way the T.C. says "Now next is Vijayawada only" 😂😂😂😂 pic.twitter.com/mblbX3hvgd
— Dr Kiran Kumar Karlapu (@scarysouthpaw) January 17, 2023
ट्रेन अपनी हाई स्पीड के साथ चल पड़ी और सेल्फी लेने के चक्कर में उस व्यक्ति को 150 किलोमीटर तक सफर करना पड़ा। ट्रेन के टीटी ने जैसे ही उस शख्स को देखा तो व्यक्ति से पूछा और व्यक्ति ने टीटी को सारी बात बताई जिसके बाद टीटी ने उसे डाटा और अगले स्टेशन विजयवाड़ा उतरने को कहा। अब तक उस व्यक्ति ने 150 किलोमीटर का सफर तय कर लिया था। विजयवाड़ा उतरकर उसने अपने घर के लिए ट्रेन पकड़ी अब उसे विजयवाड़ा से राजमुंद्री तक फिर से 150 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा।