एक मामूली सा ऑटो चालक कैसे बना बागेश्वर धाम सरकार का मालिक, जाने सारी सच्चाई

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 एक मामूली सा ऑटो चालक कैसे बना बागेश्वर धाम सरकार का मालिक, जाने सारी सच्चाई

आजकल एक नौजवान बाबा काफी सुर्खियों में है। इतने में तो आप समझ ही गए होगे कि हम बात कर रहे है बागेश्चर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री की। इनकी चर्चाओं की कहानी शुरू होती है नागपुर से जब इन पर अंधविश्वास फैलने का आरोप लगा। आज इस लेख में हम आपको पं. धीरेंद्र शास्त्री के बारे में सब कुछ बताएंगे की कैसे एक मामूली से ऑटोचालक ने छोटे से मंदिर को बागेश्चर धाम बना दिया, क्या सच में इनके पास कोई चमत्कारी शक्ति है और क्या है पूरा विवाद जिसके लिए वायरल हो रहा है इनका नाम और काम…

क्या है पूरा विवाद?

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इस विवाद की वजह है कि क्या प. धीरेंद्र शास्त्री एक झूठे बाबा है? ये विवाद शुरू होता है 3 से 15 जनवरी के बीच जब वो नागपुर में भगवत कथा सुनाने गए थे लेकिन उन्हें नागपुर से 2 दिन पहले ही कार्यक्रम छोड़कर रायपुर जाना पड़ा।

इसकी वजह ये बताई जा रही है कि कुछ तर्कवादियों ने उनसे सबके सामने चमत्कार करने को कहा लेकिन शास्त्री को बीच मंच से ही जाना पड़ गया। बस तभी से ये आरोप में घिरे है कि ये फ्रॉड है। लेकिन शास्त्री ने अपने बचाव में कहा की उन्होंने अपने सभी प्लांस में 2 दिन की कटौती कर दी है।

बागेश्चर धाम का इतिहास

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छतरपुर के गढ़ा के पास ही बागेश्वर धाम है इसे हनुमान जी के बालाजी मंदिर से भी जाना जाता है। हनुमान जी का दिन मंगलवार को यहां भक्तो की भीड़ उमड़ती है। ये मंदिर सेकड़ों साल पूरा है।

1986 में इस मंदिर का पुर्ननिर्माण किया गया और 1987 के आसपास एक संत बाबा जी सेतु लाल जी महाराज यहां आए उन्हें भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था।

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और तभी से धीरे-धीरे लोग इस दरबार को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से पुकारने लगे। वर्तमान प्रमुख पं धीरेंद्र शास्त्री धाम के भगवान दास जी के पौत्र । 1989 में बागेश्वर धाम में बाबा जी द्वारा विशाल महायज्ञ का आयोजन किया गया।

2012 में बागेश्वर धाम के सिद्ध पीठ में श्रद्धालुओं की समस्याओं के समाधान के लिए दरबार शुरू किया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे बागेश्वर धाम के श्रद्धालु इस दरबार से जुड़ने लगे। दावा किया जाता है कि यहां आने वाले लोगों की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

धीरेंद्र शास्त्री का इतिहास

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धीरेंद्र शास्त्री पर लोगो का दावा है कि कुछ साल पहले तक वो मध्यप्रदेश में ऑटो चलाते थे। लेकिन अब ये लोगो की समस्याओं का हल करते है। और कहा जाता है कि वो इंसान को शारीरिक और मानसिक हर समस्या से निकाल सकते है वो लोगो का इतिहास भी जानते है।

इन्हे बाबा बनाने में छतरपुर के विधायक आलोक शुक्ला ‘पज्जन’ का हाथ है। इसके अलावा इन्हे रूलर पार्टी बीजेपी का भी सपोर्ट और सारे नेता इनके अनुयायी है।

कैसे चलता है बागेश्वर धाम सरकार?

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गरीबी से छुटकारा पाने के बागेश्वर धाम की एक वेबसाइट पर “बागेश्वर धाम महामंत्र” बेचा जाता है जिससे अमीर होने का दावा किया जाता है।

कहते है इस मंत्र को कई ब्राह्मण का आशीर्वाद मिला है और लोगो को इससे लाभ भी मिलता है। शास्त्री से व्यक्तिगत मिलने के ली टोकन लेना पड़ता है। जिसके लिए आवेदन बॉक्स में नाम, पिता ना नाम, एड्रेस और मोबाइल नंबर डालना पड़ता है।

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जिससे लोगो को बुलाने के लिए संपर्क करते है और उन्हें एक निर्धारित डेट पर बुलाया जाता है।

वही शास्त्री से मिलने को लोगो अलग अलग रंग के कोडित है। आम बैठकों के लिए लाल रंग का कपड़ा और नारियल, वैवाहिक मुद्दों के लिए पीला रंग, आत्माओं से परेशान होने पर काला कपड़ा रखना होता है।

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