Faridabad: चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां के जयकारों से एनआईटी तिकोना पार्क स्थित महारानी वैष्णो देवी मंदिर गूंज उठा। सुबह से ही मां के दर्शन करने के लिए भक्त लंबी- लंबी लाइनों में खड़े दिखाई दिए। पहले दिन भक्तों ने पूरी आस्था के साथ मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की। वहीं, चैत्र नवरात्र के साथ हिंदी नव वर्ष की भी शुरूआत हो गई है। ऐसे में सभी भक्तों ने भगवान की पूजा करके अपने नव वर्ष की शुरूआत की। अब अगले 9 दिनों तक विधि- विधान से घरों में देवी के नौ रूपो की पूजा अर्चना की जाएगी।
वहीं, महारानी वैष्णो देवी मंदिर के पंडित व्यास जी ने बताया कि सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व होता है। भक्त जहां नौ दिन तक साधना सिद्धियां हासिल करने के लिए पूजा पाठ करते हैं। वहीं इन नौ दिनों में भक्त देवी मां को प्रसन्न करके अपने सभी कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हिंदू नव वर्ष का आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था। ब्रह्माजी ने इसी दिन सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी। इसी दिन से ही काल गणना का प्रारंभ हुआ था और सतयुग का प्रारंभ भी इसी दिन से माना जाता है।
चैत्र नवरात्र के शुभारंभ पर आज घर-घर में माँ दुर्गा की घट स्थापना की गई। इस दौरान लगभग सभी देवी स्थलों पर भक्तों का मेला लगा रहा। चैत्र नवरात्रि को बसंत नवरात्रि भी कहते हैं। चैत्र नवरात्र 22 मार्च से लेकर 30 तक चलेंगे। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ कलश स्थापना के साथ होता है। इसमें मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा अर्चना करते हैं। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन हर साल राम नवमी मनाई जाती है।