अनोखी पहल: सैनिक कॉलोनी में बना एसटीपी प्लांट, मैनुअल तरीके से साफ हो रहा पानी

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 अनोखी पहल: सैनिक कॉलोनी में बना एसटीपी प्लांट, मैनुअल तरीके से साफ हो रहा पानी

Faridabad: “जहां चाह वहां राह” यह कहावत सेव अरावली संस्था के सदस्यों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। पर्यावरण के लिए काम कर रहे संस्था के सदस्यों ने साबित कर दिखाया है लोग प्राकृतिक को बिना नुकसान पहुंचाए भी अपने कार्य सिद्ध कर सकते है। फरीदाबाद के सैनिक कॉलोनी के गेट नंबर 3 के पास सेव अरावली संस्था के सदस्यों ने देसी एसटीपी बनाया है। दावा है कि इस एसटीपी से ट्रीट पानी का इस्तेमाल पार्कों में सिंचाई के लिए किया जाता है। इस एसटीपी के जरिए रोज शिवर का 6000 लीटर पानी ट्रीट किया जा रहा है और खास बात यह है कि इसमें बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से पानी को साफ किया जा रहा है।

अनोखी पहल: सैनिक कॉलोनी में बना एसटीपी प्लांट, मैनुअल तरीके से साफ हो रहा पानी
सैनिक कॉलोनी में बना एसटीपी प्लांट

वही सेव अरावली के सदस्य ने जगमोहन यादव ने बताया कि यह आईडिया जितेंद्र भड़ाना और उनकी पत्नी मनीषा भड़ाना का था। जिसके बाद सेव अरावली संस्था ने 2019 में फरीदाबाद के सैनिक कॉलोनी में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की और इसमें ओरैकल नामक कंपनी ने संस्था को फेनेंशियल स्पॉट किया और सभी के सहयोग से इसे मुकाम तक पहुंचाया। हालांकि, इस प्रोजेक्ट में जगमोहन यादव, राजू रावत और संस्था के अन्य कई सदस्यों ने मिलकर इस प्रोजेक्ट पर स्टडी पूरी करने के बाद एक खाका तैयार किया। उसके बाद इस देसी प्लांट के लिए नगर निगम की ग्रीन बेल्ट का चुनाव किया और आज देसी एसटीपी तैयार कर गंदे पानी को साफ करने का कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए तीन बड़े बड़े टैंक भी बनाए गए हैं।

अनोखी पहल: सैनिक कॉलोनी में बना एसटीपी प्लांट, मैनुअल तरीके से साफ हो रहा पानी
जिकजैक नाले से टैंक में पहुंचता पानी

इसके अलावा जगमोहन यादव ने बताया कि प्लांट से कई वार्ड के मुख्य सीवर लाइनें को कनेक्ट किया गया है। जहां से सीवर का गंदा पानी सीधे एसटीपी में पहुंचता है और उसके बाद सीवर का गंदा पानी 50 मीटर और चार फुट गहरे नाले से होता हुआ एक टैंक तक पहुंचता है। इस दौरान पानी को बड़े बड़े पत्थरों, बजरी, रोड़ी और चारकोल से होकर गुजरना पड़ता है। जिसके बाद पानी दूसरे टैंक में पहुंचता है, जिसमें नारियल के खोल डाले गए हैं। नारियल के खोल से होता हुआ पानी तीसरे टैंक में जाता है। जहां पानी बिल्कुल साफ हो जाता है और इसका इस्तेमाल नर्सरी और पार्कों को सुंदर बनाने में किया जाता है।

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