जिले में जागरूकता के साथ बढे एचआईवी पॉजिटिव मरीज

0
374
 जिले में जागरूकता के साथ बढे एचआईवी पॉजिटिव मरीज

Faridabad: जिले में एचआईवी के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ने के साथ ही पाजीटिव केसों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई  है। पूरे जिले में विगत एड्स दिवस से इस साल एड्स दिवस के बीच 72330 लोगों की जांच की गई है। जिसमें से 574 पॉजिटिव मामलो की पुष्टि हुई है। जबकि अब तक इस महामारी से किसी भी मरीज की मृत्यु नही हुई है। इसके अलावा काउंसलर कविता ने बताया कि एड्स से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा कई निजी और स्वयं सेवी संस्थाएं भी एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की मदद कर रही है।

दरअसल, एड्स एचआईवी के कारण होता है। इस सिन्ड्रोम में शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत कमजोर हो जाती है। जिससे व्यक्ति बड़ी आसानी से किसी भी संक्रमण या अन्य बीमारी की चपेट में आ जाता है। सिन्ड्रोम के बढ़ने के साथ लक्षण और गंभीर होते चले जाते हैं। लेकिन एड्स संक्रमित मरीज कुछ सरल उपाय कर इस महामारी से बच आसानी से बच सकते है। वहीं, जिले में हर रोज 15 सौ से करीब दो हजार लोग एड्स जांच के लिए पहुंच रहे है। इनमें 18 से 35 वर्ष के युवाओं की संख्या ज्यादा है।

क्या कहना है चिकित्सक का
जिला नागरिक अस्पताल की चिकित्सक डॉ. रिचा ने बताया कि फरीदाबाद में 5 आईसीटीसी सेंटर बनाए गए है। जबकि 30 एफआईसिटीज सेंटर उपलब्ध है। यह सेंटर भी जिला नागरिक अस्पताल द्वारा संचालित किया जाता है। इसके अलावा जो मरीज एचआईवी पॉजिटिव मिलता है। उसके लगभग सभी टेस्ट पूरे करने के बाद सेक्टर- 8 ईएसआई अस्पताल में आगे के इलाज के लिए भेज दिया जाता है। वहीं, सरकार से ऐसे मरीजों को 2250 रूपये सहायता राशि मिलती है।

क्या है एड्स
एड्स (एचआईवी) नामक विषाणु से होता है। संक्रमण के लगभग 12 सप्ताह के बाद ही रक्त की जॉंच से ज्ञात होता है कि यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर चुका है। ऐसे व्यक्ति को एचआईवी पाजिटिव कहते हैं। एचआईवी
पाजिटिव व्यक्ति कई वर्षो (6 से 10 वर्ष) तक सामान्य प्रतीत होता है और सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। लेकिन दूसरो को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।
यह विषाणु मुख्यत शरीर को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले रक्त में मौजूद टी कोशिकाओं (सेल्स) व मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। और धीरे-धीरे उन्हें नष्ट करता रहता है। कुछ वर्षो बाद (6 से 10 वर्ष) यह स्थिति हो जाती है कि शरीर आम रोगों के कीटाणुओं से अपना बचाव नहीं कर पाता और संक्रमण (इन्फेक्शन) से ग्रसित होने लगता है।

ऐसे फैलता है एड्स
एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखने वाले व्यक्ति में एड्स होने का खतरा बढ़ जाता है। वेश्यावृति करने वालों से यौन सम्पर्क रखने वाला व्यक्ति, नशीली दवाईयां इन्जेकशन के द्वारा लेने वाला व्यक्ति, यौन रोगों से पीडित व्यक्ति के अलावा माता और पिता के एचआईवी संक्रमण के पश्चात पैदा होने वाले बच्चें में इसकी संभावना अधिक रहती है। किसी भी अन्य व्यक्ति के खून या अन्य बॉडी फ्लूड से दूर रहना चाहिए। ड्रग्स के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सिरिंज को शेयर करना एचआईवी फैलने का मुख्य कारण माना जाता है। एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे में एचआईवी का संक्रमण हो सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here