Faridabad: शनिवार को ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर- 88 स्थित अमृता अस्पताल की C-20 के एकीकृत समग्र स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में करीब 15000 से ज्यादा डॉक्टरों की कमी है इस कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोल रही है, ताकि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके।
इसके अलावा राज्य सरकार होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक पद्धति को भी बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार प्रदेशभर में वेलनेस सेंटर, पार्क और व्यायामशाला बनाने का काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए। हरियाणा की कुल आबादी 2.80 करोड़ है। ऐसे में प्रदेश को 28000 डॉक्टर चाहिए, लेकिन अभी यहां करीब 6000 सरकारी व 7000 निजी अस्पतालों में डॉक्टर कार्यरत हैं। इस प्रकार हमारे पास आधे से भी कम डॉक्टर हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि 5S यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सुरक्षा और स्वाभिमान के सिद्धांत पर काम करते हुए भूटान देश की तरह हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाना होगा। इसी से संतुष्टि का भाव मिलता है। शरीर को सदैव निरोगी व स्वस्थ रखने पर ध्यान देना होगा। इसके लिए योग, आयुर्वेद व बेहतर दिनचर्या का अनुपालन करना जरूरी है।
जब हम स्वस्थ्य रहेंगे तो तनाव नहीं होगा। तनाव नहीं होगा तो डायबिटिक व ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां नहीं होंगी। यूं कहें कि स्वस्थ्य रखने के लिए अपने शरीर को योग से जोड़ना होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सहयेाग से कुरुक्षेत्र में करीब ढाई सौ करोड़ की लागत से अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान बनाया जा रहा है।
सेमिनार को डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने प्रतिनिधियों को वर्चुअली संबोधित किया। अर्जेंटीना, रवांडा और मलावी जैसे देशों के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, C-20 के वर्किंग ग्रुप इंटीग्रेटेड होलिस्टिक हेल्थ की कोर्डिनेटर अमृता अस्पताल की डॉ. प्रिया नायर, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।