Faridabad: फरीदाबाद में बन रहे दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे पर एनजीटी के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। इसके अलावा एक्सप्रेस वे के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य के दौरान उड़ रही धूल से वह बीमार पड़ रहे हैं। ठेकेदार द्वारा सड़क पर उड़ रही मिट्टी पर नियमित पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा। जिसके कारण उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है।
एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य क्षेत्रों के लोगों के लिए बना मुसीबत
एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य के कारण दिल्ली के मदनपुर खादर, सरिता विहार, जैतपुर सौरभ विहार, अली गांव, मीठापुर, मोलरबंद, मोहन बाबा नगर, फरीदाबाद के दुर्गा बिल्डर, शिव एंक्लेव, पल्ला, सरस्वती कॉलोनी, चौहान कॉलोनी, सेहतपुर, एत्मादपुर, सराय ख्वाजा, सेक्टर 37, सेक्टर 29, 28, 30, 31, अशोका एंक्लेव आदि क्षेत्रों में रह रहे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
क्या कहना है वाहन चालकों का
बाईपास रोड से बदरपुर बॉर्डर तक का सफर तय करना इन दिनों वाहन चालकों के लिए जंग जीतने के बराबर हो गया है। एक तो कई जगह से रूट डायवर्ट किया गया है ऊपर से उड़ती धूल लोगों को बीमार कर रही है।
कविश सिंह, वाहन चालक।
एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू हुए करीब दो-तीन साल बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक एनजीटी के आदेशों की पालना नहीं की जा रही जिसके कारण शहर में प्रदूषण भी काफी बढ़ गया है। ऊपर से बाईपास पर स्ट्रीट लाइटें बंद होने के कारण दुर्घटनाएं बहुत अधिक हो रही है। इस तरफ भी अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
मनीष ठाकुर, वाहन चालक।
वहीं, नगर निगम अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए बहुत जल्द नगर निगम वार्ड स्तर पर करीब 2 लाख पौधे घने जंगल के रूप में लगाएगा। इसके लिए नगर निगम ने तिगांव विधानसभा के साथ वादों में पौधारोपण के लिए करीब 1.07 करोड रुपए का बजट भी जारी किया है। इन पौधों को बंदी भाग्य नर्सरी में तैयार किया जा रहा है।