Faridabad: हरियाणा सरकार द्वारा सभी अचल संपत्तियों के पंजीकरण से पूर्व प्रॉपर्टी आईडी की बाध्यता अनिवार्य कर दी गई है। इस कार्य के लिए याशी कंपनी को करोड़ों रुपए पेमेंट देने के बावजूद उनके द्वारा बनाए गए प्रॉपर्टी ऑईडियो का सर्वे 2 तिहाई से अधिक त्रुटिपूर्ण है। जिसके कारण लोगों को नगर निगम कार्यालय का बार चक्कर काटना पड़ रहा है।
लोगों का आरोप है कि इतनी बड़ी धांधली होने के बाद भी प्राइवेट कंपनी को करोड़ों रुपए की पेमेंट देना संदेह के दायरे में है। यहीं नहीं लोग एक साथ परेशान ना हो उनके आक्रोश को दबाने के लिए प्राइवेट कंपनी द्वारा 139000 प्रॉपर्टी आईडिया जो बना कर दी जा चुकी हैं। उन्हें एनडीसी के पोर्टल पर अपडेट जानबूझकर नहीं किया जा रहा। पिछले 4 महीनों से लोग भटक रहे हैं। इसी कारण मजबूरी में लोगों ने अपनी टेंपरेरी प्रॉपर्टी आइडिया अंडर टेबल बनवा कर मोटी रिश्वत देकर अपनी संपत्तियों का लेनदेन एवं पंजीकरण करवाया है।
बता दें, कि मार्च और अप्रैल में टैक्सपेयर लोगों की संख्या एवं बकाया जमा कराने वालों की लंबी लाइनों में और अधिक लोग ना जुड़ पाए और अपनी त्रुटियों को छुपाने के लिए जानबूझकर इन 13,9000 प्रॉपर्टी ऑडियो को वेरिफिकेशन के नाम पर लटका कर अगले मई महीने में जारी करने की उम्मीद बताई जा रही है। लोगों को जानबूझकर अपनी गलतियों को छिपाने के चक्कर में परेशान करना निहायतन गलत है और इसका जवाब जनता आने वाले समय में अवश्य देगी।