पिछले ढाई साल में औद्योगिक नगरी फरीदाबाद शहर में हादसों में 554 लोगों की मौत हो चुकी है। एक हजार से अधिक लोग घायल हुए थे। पुलिस में 1299 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। इनके कारण सैकड़ों परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। ट्रैफिक पुलिस ने सड़क हादसों को कम करने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए ‘जीरो डेथ’ एडवायजरी जारी की है। घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर इनाम भी दिया जाएगा। पुलिस ने अपील की है कि हादसों में वीडियो बनाने के बजाय जीवन रक्षक बनें। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाकर उनकी जान बचाएं।
क्या कहते है आंकड़े?
पुलिस ने सोमवार को आंकड़े जारी कर कहा कि यातायात नियमों का पालन नहीं करने और लापरवाही के कारण 2021 में 505 सड़क हादसे हुए, जिनमें 211 की मौत हुई और 423 लोग घायल हो गए। 2022 में 589 हादसों में 253 लोगों की मौत हुई और 452 लोग घायल हुए और 2023 में अब तक 205 सड़क हादसों में 90 लोगों की जान जा चुकी है। 156 लोग घायल हुए हैं। अगर इन लोगों ने सड़क सुरक्षा नियमों का पालन किया होता तो शायद यह हादसा नहीं होता और गंभीर रूप से घायल लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी।
बने जिम्मेदार मदद हो बढ़ाए हाथ
- फ्री इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (ERV-112), दुर्घटना और सड़क दुर्घटना के मामले में एम्बुलेंस सेवा-108 पर कॉल करे उन्हे पूरी जानकारी दें। यदि आप प्रशिक्षित नहीं हैं और आपके पास आवश्यक उपकरण नहीं हैं, तो घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने का हर संभव प्रयास करें।
- इन मामूली बातों का रखे ध्यान
- घायलों के आसपास भीड़ जमा न होने दें।
- घायल व्यक्ति को कुछ भी खाने-पीने को न दें।
- अपने वाहन को अवैध रूप से सड़क पर पार्क न करें।
क्या बोले अधिकारी?
डीसीपी मुख्यालय हेमेंद्र कुमार मीणा ने बताया,
“लोग सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस घायलों की मदद करने वालों को सम्मानित भी करेगी, जिससे लोगों में यह संदेश जाएगा कि किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद करने पर अब उनसे सवाल जवाब नहीं पूछे जाएंगे, बल्कि उन्हें इनाम मिलेगा। “