अक्सर विवादों में रहने वाले फरीदाबाद नगर निगम के अधिकारियों पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। निगम के ठेकेदारों ने केस दर्ज कर अपने कार्यों के भुगतान की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने नगर निगम को इन ठेकेदारों के लंबित भुगतान का तत्काल भुगतान करने का आदेश दिया। साथ ही आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक नगर निगम किसी भी EXEN व SE को वेतन न दे। ठेकेदारों का आरोप है कि उनके बाद अधिकारियों द्वारा पसंद किए गए ठेकेदारों के काम का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में कोर्ट ने इन सात ठेकेदारों के भुगतान के अलावा किसी अन्य ठेकेदार के भुगतान पर भी अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
ठेकेदारों का वेतन अटका
नगर निगम ठेकेदार संघ के प्रधान गिरिराज ने कहा कि नगर निगम लगातार ठेकेदारों को उनके काम का भुगतान नहीं कर रहा है। काम होने के बाद कई साल तक नगर निगम में फाइल एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के पास गुजरती रहती है। फिर भी भुगतान नहीं किया जा रहा था। मामले में सात ठेकेदार हाईकोर्ट गए थे। न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज ने उनके मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक नगर निगम के सभी पांचों EXEN और SE का वेतन रोका जाए।
छोटे ठेकेदार है ज्यादा परेशान
इस मामले में ठेकेदार बृजलाल चौरसिया ने बताया कि उनका दो करोड़ का भुगतान नगर निगम में अटका हुआ है। उन्होंने वार्ड-1 में आरएमसी (रेडी मिक्स कंक्रीट) रोड, टाइल्स व सीवर लाइन का काम करवाया था, जिसमें 20 लाख का भुगतान बकाया है। वार्ड-23 में 80 लाख के काम का भुगतान तक नहीं किया गया। वार्ड-415 में आरएमसी रोड का निर्माण किया गया था, जिसमें एक करोड़ का भुगतान कई वर्षों से लंबित है। मैं अपना भुगतान लेने के लिए अदालत गया था। उन्होंने बताया कि ये काम उन्होंने 2020 से अगस्त-2022 के बीच करवाए हैं। काम पूरा होने के बावजूद नगर निगम भुगतान नहीं कर रहा था।
20 से 50 करोड़ की पेमेंट अटकी
बाटा आरओबी की मरम्मत के लिए नगर निगम पूर्व में तीन बार टेंडर निकाल चुका है, लेकिन कोई आवेदक सामने नहीं आया। ठेकेदारों ने बताया कि जिन सात ठेकेदारों द्वारा हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया है, उनका 10 करोड़ का भुगतान लंबित है। जिसे कोर्ट ने जल्द से जल्द देने को कहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी 10 करोड़ बाकी हैं और उनका भुगतान जो अटका हुआ है, जिसका ऑर्डर भी जल्द आ जाएगा। ऐसे में नगर निगम ने इन सात ठेकेदारों का 20 करोड़ का भुगतान अटका दिया है। वहीं ठेकेदारों का दावा है कि अन्य ठेकेदारों का 50 करोड़ से अधिक का भुगतान भी निगम में अटका हुआ है।