फरीदाबाद शहर के खुले नाले हादसों का कारण बन सकते हैं। बारिश होने पर नालों में पानी भर जाता है, जिससे पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ जाता है। ऐसे में पता नहीं चल पाता है कि नाला कहां है और सड़क कहां है। हैरानी की बात यह है कि नगर निगम के अधिकारी हादसों से सबक नहीं ले रहे हैं। कई नाले ऐसे इलाकों में हैं, जहां से रोजाना बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना होता है। यहां भी अंधेरा है।
एयरफोर्स मोड़ पर नाले से गिरने से हुई थी मौत
यही हाल नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने शहर के बड़े व्यावसायिक क्षेत्र नेहरू ग्राउंड का है। छोटे या बड़े वाहनों के चालक जब ऐसे क्षेत्रों से निकलते हैं तो वाहनों की गति धीमी हो जाती है। यह स्थिति तब है जब पिछले साल पांच नवंबर की देर रात जवाहर कॉलोनी निवासी अर्जुन सिंह के 11 वर्षीय पुत्र कुणाल की वायु सेना मोड़ स्थित नाले में गिरकर मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने एयरफोर्स रोड पर विरोध प्रदर्शन किया। उस समय नगर निगम के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि शहर के सभी खुले नालों की दीवार बनाई जाएगी और नालों को ढका जाएगा। एयरफोर्स मोड़ के नाले की बाउंड्रीवॉल बन चुकी है, लेकिन अन्य नालों की स्थिति अभी भी खराब है।
डबुआ कॉलोनी सब्जी मंडी रोड नाले की हालत खराब एनआईटी डबुआ
आपको बता दे कि कॉलोनी सब्जी मंडी रोड के नाले की हालत खराब है। जाट धर्मशाला के पीछे वाली सड़क पर चलें तो यहां नाला खुला है और नाले में कचरा जमा है। हार्डवेयर चौक से पाली या सारण और न्यू जनता कॉलोनी से डबुआ सब्जी मंडी और सैनिक कॉलोनी से आने-जाने वाले लोगों का नाले के पास आते ही खतरा मंडरा रहा है। खासकर जब सब्जी विक्रेता यहां से निकलते हैं तो वे अपने रेहड़ी-पटरी वालों के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं। इसी तरह फर्नीचर बाजार का कोना नाला खुला है। शहर के उन सभी खुले नालों की बाउंड्री बनेगी, जहां आने-जाने वाले लोगों के लिए खतरा बना रहता है। जब बच्चे की नाले में गिरकर मौत हो गई। तो उस दौरान निगम अधिकारियों ने नालों को चिन्हित करने का आश्वासन भी दिया था।