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फरीदाबाद के एक बुजुर्ग दंपत्ति का लोकडाउन ने छीना ऐशो आराम अब राजमा चावल बेचकर करते हैं गुजारा

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कोरोना महामारी पूरे विश्व के लिए विपदा बनी थी। ऐसी में भारत में भी कोरोना महामारी के चलते बुरा हाल था। मजदूर वर्ग पैदल पलायन करने को मजबूर हुए तो मध्य वर्ग की कमाई वालों का भी दिवालिया निकल गया। कई लोग घर से सड़क पर आ गए तो बहुत से लोगों ने अपनी जिंदगी में जो सोचा न था वो किया इसमें एक नाम आता है फरीदाबाद के एक बुजुर्ग दंपति का जो कभी प्रिंटिंग प्रेस के मालिक हुआ करता थे लेकिन लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी ही खोखली बना डाली।

 

प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राजमा चावल बेचने को मजबूर

कभी प्रिंटिंग प्रेस के मालिक हुआ करते थे ये बुरुर्ग दंपति लेकिन लॉकडाउन में काम ठप हो गया था। और जिसके बाद इनका जीवन यापन नहीं हो पा रहा था। फिर इन्होंने नौकरी करने की भी कोशिश की लेकिन उससे भी इनका गुजारा नहीं चला। जिसके बाद इन्होंने सोचा कि खाना बनाना आता है तो क्यों ना फूड स्टॉल लगाया जाए, जिसके बाद इन्होंने फरीदाबाद के ग्रीन फील्ड गेट नंबर 5 के पास कढ़ी चावल और राजमा चावल का फूड स्टॉल लगाए जो कि ₹40 प्लेट बेचते हैं।

 

सोशल मीडिया पर इनका फूड ब्लॉग हो रहा है वायरल

फरीदाबाद के एक बुजुर्ग दंपत्ति का लोकडाउन ने छीना ऐशो आराम अब राजमा चावल बेचकर करते हैं गुजारा

जतिन सिंह ने इनका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे दंपत्ति अपने ग्राहकों को राजमा चावल और कढ़ी चावल परोस रहे हैं जो कि दिखने में काफी स्वादिष्ट लग रही है उसके साथ ही हरी चटनी भी परोस रहे हैं लोगों ने भी बताया कि उनका खाना लाजवाब होता है। इस वीडियो को हफ्ते भर पहले अपलोड किया गया था और अब तक इस वीडियो को सात लाख से व्यूज मिल चुके हैं।

 

लॉकडाउन में ठप हुआ व्यापार

फरीदाबाद के एक बुजुर्ग दंपत्ति का लोकडाउन ने छीना ऐशो आराम अब राजमा चावल बेचकर करते हैं गुजारा

वह आदमी छोटी क्लिप में कहता है,

“मैं एक प्रिंटिंग प्रेस चलाता था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान ये व्यापार ठप हो गया। फिर मैंने कुछ समय के लिए नौकरी की, लेकिन ये हमारे दैनिक खर्चों के लिए काफी नहीं था और हमारे लिए मैनेज करने मुश्किल हो गया था। इसलिए, मैंने और मेरी पत्नी ने अपना खुद का कोई काम शुरू करने का फैसला किया क्योंकि हम खाना बनाना जानते थे।”

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