नगर निकाय चुनाव की घोषणा का सभी को बेसब्री से इंतजार है। निगम के पिछले चुनाव 8 जनवरी, 2017 को हुए थे और अगले महीने, फरवरी में सदन का गठन किया गया था। इस तरह कार्यकाल फरवरी-2022 तक चला। पिछले साल सदन का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं। इधर, फरीदाबाद नगर निगम में 24 गांवों को शामिल करने के बाद वार्ड परिसीमन नए सिरे से किया गया और वार्डों की संख्या 40 से बढ़ाकर 45 कर दी गई। पिछले साल सरकार द्वारा की गई एक और महत्वपूर्ण घोषणा थी कि मेयर का चुनाव सीधे होगा, कि यानी मेयर पद के लिए भी जनता वोट करेगी। इससे चुनावी आकर्षण और महत्व बढ़ गया।
भाजपा ने एक संगठन बनाया है
वहीं इस बढ़े हुए आकर्षण और महत्व को देखते हुए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने पिछले साल से ही चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी थी। तब से अब तक भाजपा संगठन ने राज्य स्तर पर दस सभाएं कर चुनावी तैयारियों को धार दी है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, चुनाव प्रभारी व करनाल सांसद संजय भाटिया चुनाव बिंदु से संगठन के प्रभारी हैं। इसे देखते हुए डॉ. अरविंद यादव, प्रदेश संगठन महामंत्री रवींद्र राजू जैसे बड़े नेताओं ने शिरकत की है और संगठन के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों पर चर्चा की है। इतना ही नहीं, संगठन की दृष्टि से भाजपा ने जिला इकाई से लेकर मंडल स्तर की इकाई तक अपने युवा, महिला, किसान, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक मोर्चा के छह मोर्चों का गठन किया है। इसके अलावा पेशेवर, आर्थिक, शिक्षक, सेवा, भूतपूर्व सैनिक आदि के 25 विभाग और प्रकोष्ठ भी बनाए गए हैं। ऐसे में बीजेपी पूरी तरह से चुनावी मूड में नजर आ रही है।
जननायक जनता पार्टी सभी 45 वार्डों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है
वहीं राज्य की सत्ता में भागीदार जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी भी निगम चुनाव में कूदने को तैयार है। जेजेपी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह पिछले दिनों कार्यकर्ताओं की बैठक ले चुके हैं, उन्होंने दावा किया कि सभी 45 वार्डों के लिए प्रत्याशी तैयार किए जा रहे हैं। अब यह अलग बात है कि राज्य में सत्ता में साझीदार भाजपा-जजपा निगम मिलकर चुनाव लड़े या अलग-अलग, लेकिन दोनों दलों के कार्यकर्ता जनता को अपना चेहरा दिखाने के उद्देश्य से होर्डिंग लगाते हैं। संभावित उम्मीदवारों के रूप में शहर है। इसी तरह आम आदमी पार्टी भी सड़कों के मुद्दे पर धरना प्रदर्शन कर जनता के बीच सक्रिय है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ. सुशील गुप्ता व वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक तंवर नियमित अंतराल पर कार्यकर्ताओं की बैठक करने आ रहे हैं।