स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की मनमानी विकास कार्यों में बन रही बाधा

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 स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की मनमानी विकास कार्यों में बन रही बाधा

स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों के ढुलमुल रवैये का असर शहर के विकास कार्यों पर पड़ रहा है। हालत यह है कि तीन साल पहले स्मार्ट सिटी में आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना थी, लेकिन अब तक दो पर ही काम शुरू हो सका है। एक प्लांट राजीव कॉलोनी डिस्पोजल के पास और दूसरा गोल्फ कोर्स के बाहर बनाया जा रहा है। दोनों निर्माणाधीन हैं। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में सीवर ओवरफ्लो की भारी समस्या है। पुरानी लाइनों की क्षमता कम होने से सीवर का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर जमा हो जाता है। सबसे ज्यादा समस्या बल्लभगढ़ की डबुआ कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, संजय कॉलोनी, राजीव कॉलोनी व सुभाष कॉलोनी में बनी हुई है।

 

लोग कर रहे धरना प्रदर्शन लेकिन कोई सुनवाई नहीं

स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की मनमानी विकास कार्यों में बन रही बाधा

समस्या को लेकर अक्सर लोग नगर निगम मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करते देखे जाते हैं। इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसे देखते हुए नगर निगम ने कुछ जगहों पर कम क्षमता के सीवर प्लांट लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन राशि के अभाव में काम पूरा नहीं हो सका। बाद में इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया गया। स्मार्ट सिटी लिमिटेड प्लांट लगाने के लिए पैसा दे रही है, जबकि साइट का मालिकाना हक नगर निगम के पास रहेगा।

 

64 करोड़ रुपये खर्च कर लगेंगे एसटीपी

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तीन साल पहले बनी योजना अभी तक पूरी तरह तैयार नहीं हो पाई है, जबकि इसके लिए काम आवंटित कर दिया गया है। जगह की उपलब्धता के अनुसार एसटीपी लगाए जाएंगे। इस योजना पर 64 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और शोधित जल का उपयोग बागवानी और उद्योगों में किया जाएगा।

 

शहर में लगे हैं सिर्फ तीन एसटीपी 8 और लगाने की योजना

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शहर के सीवेज के उपचार के लिए तीन बड़े सीवेज उपचार संयंत्र स्थापित किए गए हैं। तीनों प्लांट की क्षमता कम है। इससे शहर में अक्सर सीवर ओवरफ्लो की समस्या बनी रहती है। सबसे ज्यादा समस्या जवाहर कॉलोनी, पर्वतीय कॉलोनी, संजय कॉलोनी, सेक्टर-55, एनआईटी व बल्लभगढ़ इलाके में है। लगभग 259 एमएलडी घरेलू सीवरेज उत्पन्न होता है। इसके लिए बादशाहपुर में 45 एमएलडी, प्रतापगढ़ में 50 एमएलडी व मिर्जापुर गांव में 45 एमएलडी एसटीपी है। इसके जरिए करीब 157 एमएलडी पानी शुद्ध किया जा रहा है। इसे देखते हुए आठ जगहों पर एसटीपी लगाने की योजना है।

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