देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान परिवारों की आय दोगुनी करने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन यह तभी होगा जब किसान सलाह मानें और इस दिशा में उचित प्रयास करें। मंधावली गांव के प्रगतिशील किसान जगराम ने इस दिशा में प्रयास किया और आज वे अपने जैसे अन्य किसानों को सब्जी और दाल की खेती के लिए प्रेरित कर लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। किसान अपने खेतों में खेती के तरीके देखने आ रहे हैं। जगराम की सलाह पर तीन किसानों ने भी उस रास्ते पर चलने का कदम उठाया है। जागेराम केवल धान और गेहूं की पारंपरिक खेती से हटकर बागवानी और दलहन की खेती करने लगे और अपनी आय को दोगुना करने में सक्षम हुए।
6 एकड़ में गोभी और दो एकड़ में मूंग बोई थी
बता दे कि जगराम ने सिर्फ 12वीं क्लास तक पढ़ाई की है और पहले धान की खेती करते थे। धान की खेती के लिए काफी पानी की जरूरत होती है। कभी-कभी वर्षा न होने पर जगराम को सिंचाई के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते थे। इतना सब करने के बाद भी मेहनत का उचित फल नहीं मिला। इस पर जगेराम ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहयोग से सब्जी व दलहनी फसल उगाने का कदम उठाया और अच्छी कमाई की। अब भी उन्होंने छह एकड़ और दो एकड़ में ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल लगाई है।
बहुत मुनाफा होगा
आपको बता दे कि गोभी की फसल तैयार करने पर प्रति एकड़ 40 हजार रुपए खर्च किए गए हैं। अब डबुआ और ओखला दिल्ली मंडी में 4 से 5 रुपए प्रति किलो की दर से गोभी बेच रहे हैं। एक एकड़ में 250 क्विंटल तक फसल पैदा होती है। आसानी से एक लाख रुपए की गोभी का उत्पादन हो जाएगा। कम से कम इस सीजन में खर्च कम कर छह एकड़ की गोभी की फसल से ढाई लाख रुपये का मुनाफा होगा। दलहन, ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई की लागत 4,000 रुपये प्रति एकड़ है। दो माह में 20 से 25 हजार रुपए प्रति एकड़ उत्पादन हो जाएगा।