फरीदाबाद के सेक्टर-34 वाले कनिष्क टावर्स सोसाइटी में कई जगह दरारें हैं, प्लास्टर गिर रहा है, जंग लगी सरिया नजर आ रही है, लेकिन गौर करने वाला कोई नहीं है। स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग लोगों ने की है। जर्जर इमारतों में रह रहे सोसाइटी वासी खौफ के मंजर में जी रही है कब क्या हादसा हो जाए इसी डर के साथ कई सालों से न्याय पाने की कोशिश कर रहे। सोसाइटी वासियों ने 2017 में एक याचिका दायर करी। अब मामला हाई कोर्ट में भी चल रहा है, आरोप है कि बिल्डर सोसायटी का मेंटेनेंस नहीं कर रहा है। अगर जल्द ही इसकी मरम्मत नहीं कराई गई तो बड़ा हादसा हो सकता है।
नगर निगम ने तैयार की रिपोर्ट
बता दे, नगर निगम की जांच कमेटी ने भी रिपोर्ट तैयार कर ली है। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि इमारत जर्जर हालत में है और इसके लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट की जरूरत है। सोसायटी के टावरों की तत्काल मरम्मत की जरूरत भी बताई गई है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। 27 मार्च तक नगर निगम को रिपोर्ट भेज देना था। अब बताया जा रहा है कि जल्द ही रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपी जाएगी, जिसके बाद रिपोर्ट बिल्डर और आरडब्ल्यूए को भेजी जाएगी।
बिल्डर टावर सौंपने को नही तैयार
लोगों का कहना है कि वे कई सालों से बिल्डर से हैंडओवर लेने की कोशिश कर रहे थे। हैंडओवर नहीं होने से सोसायटी में मेंटेनेंस का अभाव है। लिफ्ट की स्थिति भी खराब है। ओसी मिलने के बाद भी बिल्डर द्वारा सोसायटी को आरडब्ल्यूए को नहीं सौंपा गया है। इस संबंध में कनिष्क टावर के विकास प्रतिनिधि से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करी।
इन मूलभूत सुविधाओं का होना है बेहद जरूरी
मानदंडों के अनुसार, आपात स्थिति से निपटने के लिए लिफ्ट में पैनिक अलार्म और एक इंटरकॉम होना चाहिए। सभी लिफ्ट में कैमरे लगाए जाएं। लिफ्ट के नीचे और ऊपर की मंजिल पर गार्ड होने चाहिए। सभी सोसायटियों में रखरखाव कक्ष होने चाहिए। हर महीने लिफ्ट की जांच होनी चाहिए। सोसायटी में अलग जनरल और सर्विस लिफ्ट होनी चाहिए। लेकिन इस सोसाइटी में ऐसा कुछ नहीं है।