ग्रेटर फरीदाबाद की 50 सोसाइटियों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं, लोगों ने करी बस सुविधा देने की मांग

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 ग्रेटर फरीदाबाद की 50 सोसाइटियों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं, लोगों ने करी बस सुविधा देने की मांग

ग्रेटर फरीदाबाद के निवासियों ने ग्रेटर फरीदाबाद में परिवहन व्यवस्था में सुधार करने और गुड़गांव से ग्रेटर फरीदाबाद तक सीधी बस कनेक्टिविटी प्रदान करने और महिलाओं के लिए आरक्षित बस की व्यवस्था करने की मांग की है। ग्रेटर फरीदाबाद निवासी एक व्यक्ति ने इस संबंध में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा को ईमेल किया है। ग्रेटर फरीदाबाद के निवासियों ने बताया कि वर्तमान में ग्रेटर फरीदाबाद के सभी हिस्सों में बस सुविधा नहीं है। लोग निजी परिवहन से यात्रा करते हैं, ऐसे में बस सुविधा लोगों के लिए फायदेमंद होगी।

 

गुड़गांव और नोएडा के लिए बस सुविधा उपलब्ध कराने की मांग

ग्रेटर फरीदाबाद की 50 सोसाइटियों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं, लोगों ने करी बस सुविधा देने की मांग

बता दे कि ग्रेटर फरीदाबाद में 50 से ज्यादा सोसायटी, 10 से ज्यादा गांव और 15 से 20 कॉलोनियां हैं। दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव समेत अन्य जगहों पर जाने के लिए समाज के ज्यादातर लोग अपने वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। अगर गुड़गांव में काम करने वाले लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं तो गुड़गांव से आने वाली बस एनआईटी बस स्टैंड तक ही आती है। एनआईटी बस स्टैंड से लोगों को ऑटो, कैब आदि से ग्रेटर फरीदाबाद आना पड़ता है। यहां लोगों ने डिस्कवरी सोसायटी, पाम रेजिडेंसी, एडल डिवाइन, पार्क फ्लोर-1, केएलजे, प्राइड, रिजॉर्ट पार्क एलीट सहित कई सेक्टरों से होते हुए गुड़गांव और नोएडा के लिए बस सुविधा की मांग की है।

 

बसों के फेरे बढ़ाने की भी मांग की गई है।

ग्रेटर फरीदाबाद की 50 सोसाइटियों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं, लोगों ने करी बस सुविधा देने की मांग

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि बस संख्या 919 का रूट डायवर्जन होना चाहिए। बस संख्या 919 का रूट डायवर्ट करने की भी मांग की गई है। ज्यादा से ज्यादा सोसायटियों को कवर करने और बसों की फेरे बढ़ाने की भी मांग की गई है। बस संख्या 919 बस चंदीला चौक होते हुए सीधे बायपास की ओर जाती है। यह सिर्फ समाजों से नहीं आता है। रूट नंबर 905 पर चलने वाली बस सेक्टर-28 मेट्रो स्टेशन से पुरी प्राणायाम सोसायटी सेक्टर-89, अमृता अस्पताल, अनमोल सोसायटी तक तय थी लेकिन इस बस की फ्रीक्वेंसी कम है। लोगों ने कहा कि सुविधाओं के अभाव में सबसे ज्यादा परेशानी कामकाजी महिलाओं को होती है। लोगों का पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहा है।

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