पुलिस ने शहर के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए प्लान तैयार किया है। अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सूची तैयार की गई है। हर थाने में पांच लोगों की कमेटी बनाई गई है, जो उनकी मदद के लिए तैयार रहेगी। इसके अलावा पुलिस उन बुजुर्गों पर भी नजर रखेगी। खासकर बुजुर्गों के लिए काम करने वाले कर्मचारियों और उनसे मिलने वालों का पूरा ब्योरा रखा जाएगा। घरेलू कामगारों का पुलिस वेरिफिकेशन भी किया जाएगा। डीसीपी मुख्यालय हेमेंद्र कुमार मीणा का कहना है कि अपने बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। समाज के लोगों के साथ मिलकर उन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास करेंगे।
जिले में 89 हजार से अधिक बुजुर्ग हैं
आपको बता दे कि वर्तमान में जिले की आबादी करीब 30 लाख है। इनमें शहरी क्षेत्र यानी नगर निगम सीमा में आबादी करीब 26 लाख बताई जाती है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 60 वर्ष से अधिक उम्र के करीब 89 हजार बुजुर्ग रहते हैं। डीसीपी मुख्यालय हेमेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के सहयोग से प्रत्येक पुलिस चौकी क्षेत्र में अकेले रहने वाले बुजुर्गों का सर्वे किया गया है।
थानावार 5 सदस्यीय कमेटी गठित
वहीं डीसीपी ने कहा कि हर थाने में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में दो पुलिसकर्मी, तीन सामाजिक लोगों को शामिल किया गया है। इसके अलावा लीगल सेल के एक वकील को भी कानूनी सहायता के लिए अनुबंधित किया गया है, उन्होंने बताया कि समिति का काम बुजुर्गों की सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करना और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करना है। समिति अकेले रहने वाले बुजुर्गों को चिकित्सा, भोजन, वित्त आदि में मदद करेगी।
हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया
गौरतलब है कि हर थाना क्षेत्र में बुजुर्गों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 7290010000 व पुलिस कंट्रोल रूम में 112 नंबर पर काल कर सकते हैं। इसके अलावा फरीदाबाद पुलिस की वेब साइट पर लिंक दिया गया है। जिस पर तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए पुलिसकर्मी सहायता के लिए पहुंचेंगे।