फरीदाबाद में डीजल ऑटो के रजिस्ट्रेशन पर पहले से ही रोक है और अब इन्हें सड़क से पूरी तरह हटाने के आदेश आ गए हैं। 31 दिसंबर 2024 तक इन्हें सड़कों से पूरी तरह हटाना होगा। यह सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि शहर में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इस प्रदूषण के पीछे सबसे बड़ा कारण वाहन हैं और डीजल ऑटो काफी प्रदूषण फैलाते हैं। दरअसल, 1 जनवरी 2023 से डीजल ऑटो का रजिस्ट्रेशन बंद है। सिर्फ इलेक्ट्रिक और सीएनजी ऑटो का ही रजिस्ट्रेशन हो रहा है। अब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों को 2024 के अंत तक सड़कों से डीजल ऑटो को पूरी तरह से हटाने का आदेश दिया है। फरीदाबाद समेत एनसीआर के जिलों की बात करें तो हर साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच वायु प्रदूषण का ग्राफ सबसे ज्यादा होता है। धूल और फैक्ट्रियों के साथ ही ऑटो से निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।
पूरे एनसीआर से हटा दिया जाएगा
हरियाणा परिवहन विभाग ने क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण को पत्र जारी कर शहर के अंदर चल रहे डीजल ऑटो को 31 दिसंबर 2024 तक हटाने को कहा है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश के अनुसार सभी डीजल को बंद करने का काम करना होगा। एनसीआर के फरीदाबाद, गुड़गांव, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में 31 दिसंबर, 2024 तक ऑटो को खत्म करें। सोनीपत, रोहतक, झज्जर और बागपत में 31 दिसंबर, 2025 तक का समय दिया गया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को इसके लिए योजना तैयार करनी होगी। डीजल ऑटो को हटाना। सड़क से ऑटो यूनियन से संपर्क कर जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
वर्तमान में 15 हजार डीजल ऑटो चल रहे हैं
स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में इस वक्त करीब 50 हजार ऑटो रिक्शा चल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें इलेक्ट्रिक ऑटो की संख्या 10 हजार, सीएनजी ऑटो की 25 और डीजल ऑटो की संख्या 15 हजार है। ये 15 हजार डीजल ऑटो आज भी गांव के ज्यादातर रूटों पर चल रहे हैं। कई बार ऑटो में सवार होकर शहर की ओर आते रहते हैं। इन 15 फीसदी डीजल ऑटो रिक्शा को सड़कों से हटाने के लिए 31 दिसंबर 2024 तक का समय निर्धारित किया गया है।