जहां एक ओर कोरोना महामारी के बढ़ते पेशेंट्स के कारण अस्पतालों में बेड की कमी पड़ रही है, वहीं दूसरी ओर आईआईटी मद्रास द्वारा फंड किए गए स्टार्टअप मॉडल्स हाउसिंग ने इस समस्या को सुलझाने के लिए पोर्टेबल अस्पताल तैयार किया है।
क्या है इस पोर्टेबल अस्पताल की खासियत

कुछ समय पहले केरल के वायनाड में मेडिकैब की कुछ यूनिट्स लॉन्च की गई। आईआईटी-मद्रास ने गुरुवार को केरल के डिप्लॉयमेंट हैबिटेट फॉर ह्यूमैनिटीस टेरविल्लिगर सेंटर फॉर इनोवेशन इन शेल्टर के ग्रांट के साथ यह काम किया ।
यह पोर्टेबल अस्पताल एक माइक्रो अस्पताल की तरह समझा जा सकता है। ऐसे माइक्रो अस्पताल बनाने का मुख्य उद्देश्य स्मार्ट हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना है। मॉड्यूलस हाउसिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीराम रविचंद्रन ने बताया कि मेडीकैब जैसे यूनिक प्रोजेक्ट के द्वारा गांव में अस्पतालों की कमी को पूरा किया जा सकता है। उनका कहना है कि कोरोना के समय पर शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को अस्पताल बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, लेकिन गांव में ऐसा करना संभव नहीं है। ऐसी जगहों पर यह पायलट प्रोजेक्ट मेडीकैब कोरोनावायरस जैसी महामारी से लड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।
क्या आपको लगता है कि IIT Madras के इस पोर्टेबल प्रोजेक्ट मेडीकैब के जरिए गांव में अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटर की कमी को पूरा किया जा सकता है? अपनी राय कमेंट करके में बताइए।
Written by- Vikas Singh
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