फरीदाबाद में पेयजल आपूर्ति बढ़ाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। यमुना किनारे मोठका में बनने वाले बरसाती कुएं के लिए भूजल स्तर की जांच शुरू हो गई है। जगह-जगह बोरिंग कर यह देखा जा रहा है कि भू-जल कितना गहरा है। इसकी रिपोर्ट फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) के अधिकारियों के माध्यम से आईआईटी दिल्ली को जाएगी। वहां जांच के बाद ही जीर्णोद्धार का काम शुरू होगा। शहर को तीन रेनवेल से रोजाना 30 एमएलडी पानी मिलेगा। इससे करीब पांच लाख लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शहर में पेयजल आपूर्ति की मांग 450 एमएलडी और आपूर्ति 330 एमएलडी है।
वर्तमान में नवीनीकरण के लिए 30 से 35 मीटर भूजल स्तर होना चाहिए। यह भी देखना है कि नीचे का पानी पर्याप्त है या नहीं, जिससे उसे कम से कम 20 साल या उससे ज्यादा समय तक पानी मिल सके। कुछ साल पहले तक जब भूजल 28 से 30 मीटर तक पाया जाता था, तब अक्षय कुएँ स्थापित किए जाते थे। अब भू-जल स्तर धीरे-धीरे नीचे जा रहा है। जब मानसून के दौरान यमुना नदी का जल स्तर बढ़ जाता है, तो यह बारिश कुएं को रिचार्ज कर देती है। जल स्तर एक बार में छह महीने के लिए बढ़ जाता है।
बता दे, FMDA ने कुल 12 नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने की योजना तैयार की है। पहले चरण में तीन जीर्णोद्धार की तैयारी है। एक रेनवेल से रोजाना 10 एमएलडी पानी निकलता है। शहर को 12 रेनवेल से 120 एमएलडी पानी मिलेगा। पहले चरण में तीन नवीनीकरण कुओं से पानी की आपूर्ति में प्रति दिन 30 एमएलडी की वृद्धि होगी। तीन पुनरुद्धार लाइनों को एक से आठ तक विस्तारित करने की योजना है। इन लाइनों से मुख्य रूप से बल्लभगढ़ और एनआईटी के लोगों को राहत मिलेगी।
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