जिले में डेढ़ दर्जन से अधिक स्वीमिंग पूल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। इस पर जिला खेल पदाधिकारी का कहना है कि उपायुक्त से स्वीकृति लेकर पूल संचालकों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा। गर्मी से निजात पाने के लिए लोग स्विमिंग पूल में नहाने के लिए काफी पैसे खर्च करते हैं, लेकिन स्विमिंग पूल में पैसा खर्च करने के बाद भी लोगों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
स्विमिंग पूल में कोई सुविधा नहीं
आपको बता दे कि जिले के कुछ स्वीमिंग पूलों में जल क्लोरीनीकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर, जीवन रक्षक किट और दुर्घटना की स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। जिला तैराकी संघ के पदाधिकारियों का भी मानना है कि कुछ पूल संचालकों को मानकों की जानकारी नहीं है। पिछले दिनों जिला प्रशासन द्वारा स्वीमिंग पूलों पर नकेल कसने के लिए पंजीयन के लिए रूपरेखा तैयार की गई थी, लेकिन उस पर कोई काम नहीं हुआ।
स्विमिंग पूल नियम
- स्विमिंग पूल का पानी क्रिस्टल क्लियर होना चाहिए।
- पानी में क्लोरीन की सामान्य मात्रा।
- पानी का पीएस स्केल वॉल्यूम सात है।
- हर स्विमिंग पूल में कोच और लाइफ गार्ड रखें।
- स्विमिंग करते समय पूल स्टाफ और कोच की बात मानें, कभी भी अकेले स्विमिंग करने न जाएं।
- तैरते समय निषिद्ध क्षेत्र में न जाएं।