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पिता का सपना टूटा तो बेटी ने नौकरी छोड़ आईएएस बनकर 35 वी रैंक पाई।

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वैसे तो तमाम कहानियां सुनी होंगी जिसमें बेटे ने बाप का सपना पूरा किया होता और बेटे ने बाप का सर ऊंचा किया होता है, पर आज समाज की बदलती सोच में बेटियों को भी मौके दिए हैं और जब वह अपने पिता के सपने को पूरा करने पर आ जाती है तो पीछे नहीं हटती, मुद्रा गैरोला भी इसकी मिसाल है। जानिए इनकी कहानी।

यूपीएससी ने मंगलवार 23 मई 2023 को सिविल सर्विसेज 2022 का रिजल्ट जारी किया था। उत्तराखंड की मुद्रा गैरोला नहीं 53 वी रैंक हासिल की है।मुजरा नहीं से पहले भी ऊपर से 2021 की परीक्षा पास कर 165 वी रैंक हासिल की थी और आईपीएस कैडर हासिल किया था और वह इस वक्त हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकैडमी में आईपीएस की ट्रेनिंग कर रही है। इसी के चलते ही उन्होंने तैयारी जारी रखी और साल 2022 की परीक्षा में 53वी रैंक लाकर पापा का सपना पूरा किया।

पिता का सपना टूटा तो बेटी ने नौकरी छोड़ आईएएस बनकर 35 वी रैंक पाई।


बता दें कि मुद्रा गैरोला के पिता अरुण गैरोला से बातचीत करते वक्त अरुण गैरोला ने कहा कि उन्हें उनकी बेटी पर बहुत ही गर्व है और साथ ही उनकी बेटी बचपन से ही टॉपर रही है। उन्होंने भी कहा कि वह मुद्रा दसवीं में 96% 12वीं क्लास में 97% अंक लाई थी।


मुद्रा की स्कूलिंग खत्म होने के बाद उन्होंने मुंबई से डेंटल की पढ़ाई की थी और उन्होंने उस में गोल्ड मेडलिस्ट रही थी। डिग्री पूरी करने के बाद वह दिल्ली आए और एमडीएस में एडमिशन ले लिया। इसी बीच उन्होंने अपना ध्यान यूपीएससी की ओर डाला और डॉक्टरी छोड़कर इसकी तैयारी शुरू करने लगी।

पिता का सपना टूटा तो बेटी ने नौकरी छोड़ आईएएस बनकर 35 वी रैंक पाई।


यूपीएससी 2018 की परीक्षा में मुद्रा इंटरव्यू तक पहुंची परंतु वह फाइनल सिलेक्शन नहीं हो पाया। फिर साल 2019 में टेंट में फिर सेंटर विद्या लेकिन इस बार भी सफल नहीं हो पाई। मुद्रा ने 2020 में यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम में मैंस की स्टेज तक पहुंची। फाइनली 2021 की परीक्षा में मुद्रा ने 165 वी रैंक हासिल कर आईपीएस बनी ।

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