हरियाणा सरकार की आंखों में धूल झोंकने वाले आशिक हवाई यात्रा के नाम पर सैर सपाटा करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम कसने की तैयारी शुरू हो गई है। बगैर पूर्णमति के हवाई यात्रा करने वाले ऐसे कर्मियों पर सरकार ने शिकंजा कसते हुए कहा कि उन्हें पहले अध्यक्ष के परमिशन लेनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया तो उनकी जेब से किराए की वसूली की जाएगी।
सरकार के सामने लगातार शिकायतें आ रही थी कि उच्च अधिकारी और कर्मचारी पूर्व अनुमति लिए बगैर सरकारी कार्य के नाम पर हवाई यात्रा कर सैर सपाटा कर रहे हैं और यही नहीं बल्कि यात्रा से वापस आने के बाद यात्रा के नाम पर देकर खर्च प्राप्त करने के लिए मामले कार्योत्तर स्वीकृति को सीधे वित्त विभाग में भेजे थे।
हवाई यात्रा के कार्यों पर स्वीकृति व नियमों में छूट देने की फाइनल भी सीधे वित्त विभाग को नहीं भेजी जा सकेगी। विभाग ने इससे सभी प्रशंसक सचिवों, विभाग, विभागाध्यक्ष मंडलायुक्त उपायुक्तों एसडीएम एवं पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं।
पर उस तारीख को भी आपत्ति जताई। अंदर तक पड़ताल की गई तो सामने आया कि सुविधा का दुरुपयोग किया जा रहा था। इसे देखते हुए सरकार ने नियमों में बदलाव किया और अब आकाश में हवाई यात्रा की टिकट का खर्चा भी दिया जाएगा। जब विभाग के सचिव कोई कार्योत्तर स्वीकृति होगी।
नियमों में बदलाव के मुताबिक अब कोई भी अधिकारी और कर्मचारी बिना अनुमति के हवाई यात्रा पर नहीं जा सकता और यदि विशेष परिस्थितियों में आकस्मिक रूप से हवाई यात्रा करते हैं, तो ठोस कारण के साथ कार्योत्तर की स्वीकृति लेनी होगी।