युवाओं ने ग्रामीणों की मदद से गांव में लाइब्रेरी तैयार की है। इसमें गांव के बच्चों को पढ़ाई के साथ निशुल्क किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसमें इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराकर इसे ई-लाइब्रेरी का नाम भी दे दिया जाएगा। अब यहां पर 10 से 15 बच्चे नियमित रूप से हर रोज पढ़ाई करने के लिए आते हैं।
गांव दयालपुर के उन्हीं युवकों ने इस लाइब्रेरी का नाम हमारा प्रयास नाम से संगठन बनाया और इसमें गांव के लोगों को भी जोड़ा गया। इस संगठन में एक सामुदायिक भवन में लायब्रेरी विकसित की गई है। इसमें दसवीं क्लास तक के एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं।
अब इस लाइब्रेरी को इंटरनेट से जोड़कर ई लायब्रेरी में बदल दिया गया है। लोग अपनी इच्छा अनुसार एक मासिक सहयोग राशि संगठन के लिए देते हैं। उसे लाइब्रेरी को मेंटेन करने के साथ दूसरे काम किए जाते हैं। संगठन और लाइब्रेरी को चलाने में सूबेदार सुरेंद्र हुड्डा, संजीव निक्कू फौजी, दीपक विषल्ला, दीपक सारा पदम आर्य, अनुज आदि सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
इस लाइब्रेरी के द्वारा गांव के युवाओं के लिए निशुल्क किताबें प्राप्त कराई जाएंगी और उन्हें निशुल्क पढ़ाया जाएगा ताकि जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा युवाओं को मिले और जीवन में आने वाली हर परेशानी का सामना डटकर करें।