राष्ट्रीय राजमार्ग 6 लेन होने के बाद दिल्ली से आगरा की ओर आने जाने वाले लोगों को सहूलियत हो गई है। लेकिन शहर वासी बेहद परेशान है। सर्विस रोड के विभिन्न चौराहों पर जलभराव की समस्या का 5 साल बाद भी समाधान नहीं हो रहा है। जलभराव से मुक्ति के लिए एनएचएआई ने हाईवे किस सर्विस लेन एक तरफ साल भर पहले 5 करोड़ की लागत से 28 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के साथ तैयार की थी, पर यह सिस्टम कभी काम ही नहीं करते दिखा।
मौजूदा समय में भी वर्षा होने पर पानी सर्विस लेन पर भरा हुआ नजर आता है। परंतु कई बार हाईवे की सर्विस रोड सीवर ओवरफ्लो वजह से डूब जाती है। इससे जाम भी लगा रहता है। कई बार तो 2 मिनट का सफर 20 मिनट का कब तक हो जाता है, पता ही नहीं चलता। जाम में एंबुलेंस भी फस जाती है। इससे घायल और अन्य मरीजों को भी भारी परेशानी होती है। अब जलभराव से मुक्ति के लिए ₹38 करोड़ की योजना तैयार की गई है। इसके तहत ओल्ड फरीदाबाद से जाजरू मोड़ तक पानी निकासी की लाइन डाली जाएगी। दावा है कि इसके बाद जलभराव नहीं होगा।
बदरपुर बॉर्डर से लेकर सीकरी तक हर चौराहे पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। इसकी लागत साढ़े चार करोड़ और 11 की लागत ₹55 करोड़ आई है। सभी को अलग-अलग लगाया जाएगा और सभी की अलग-अलग क्षमता है। सिस्टम ठीक से काम करेगा तो एक बार में 17 लाख लीटर पानी भूजल में मिल सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और कई जगह है इस वजह से पानी जमीन में जाता ही नहीं। इन्हें साफ करने के लिए कोई मुश्किल भी नहीं होनी चाहिए पर एनएचआई के अधिकारी और उदासीन है।
लगातार शासन प्रशासन सड़क सुरक्षा समिति की बैठक और केंद्रीय राज्य मंत्री द्वारा ली जाने वाली जिला विकास एवं निगरानी सतर्कता समिति की बैठक में कई बार हाईवे पर जलभराव का मुद्दा उठाया। परंतु मंत्री ने एनएचएआई के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई, लेकिन इसका असर नहीं हुआ।
नगर निगम के अधीक्षण अभियंता ओमवीर सिंह का कहना है कि हाईवे के चौराहे पर जलभराव के स्थाई समाधान के प्रयास किए जाने हैं। वर्षा के पानी निकासी की लाइन डालने के लिए ₹38करोड़ की बजट की मांग की गई है। इस लाइन को हम अपने पांच डिस्पोजल से जोड़ देंगे। इस लाइन को चालू करने में हाईवे पर जलभराव नहीं होगा।
कंस्ट्रक्शन कंपनी के परियोजना निदेशक वैभव शर्मा का कहना है कि कई बार रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में कचरा आ जाता है। इस वजह से पानी धीरे-धीरे करते रिसता है, जहां पानी अधिक जमा होता है। वहां टैंकर से पानी बाहर निकाला जाता है।
वर्षा होने के बाद इन जगहों पर हर बाल झड़ खराब हो जाता है। बल्लबगढ़ से सोहना पुल के पास वाईएमसी चौक मुझे रेलवे फाटक के सामने बाटा चौक, अंजरोंधा चौक और ओल्ड फरीदाबाद, वर्षा होने के बाद यहां पर जलभराव हो जाता है और यात्रियों को आवागमन में परेशानी और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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