भाजपा सरकार के केंद्र और राज्य में 9 साल पूरे होने पर है जहां केंद्रीय राज्य मंत्री सहित भाजपा नेता शहर में विकास कार्यों का बखान करते हुए नजर आते हैं। वही जमीनी स्तर पर घोषणाओं के वादे आज तक अधूरे हैं। फिर चाहे वह गुरुग्राम फरीदाबाद मेट्रो परियोजना हो या यमुना नदी पर बन रहे मंझावली पुल अंतरराष्ट्रीय राजा नाहर क्रिकेट स्टेडियम की मेट्रो ग्रेटर फरीदाबाद में प्रस्तावित विज्ञान भवन का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हुआ है।
इसके साथ ही नोएडा से फरीदाबाद की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए मंझावली में यमुना नदी पर पुल बनाने की घोषणा की गई थी। हालांकि करीब 9 साल से पुल का निर्माण कार्य चल ही रहा है। पहले इसे 1 साल से बनाकर लोगों की आवाजाही के लिए खोलने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक निर्माण पूरा नहीं हुआ है।
9 साल पहले भाजपा सरकार ने औद्योगिक नगरी के विकास की नए सिरे से रूपरेखा तैयार की गयी थीं। इसमें गुरूग्राम-फरीदाबाद मेट्रो परियोजना शुरू करने की घोषडा की गई थीं।साथ ही फरीदाबाद-नोएडा-गाज़ियाबाद इनके बीच नई सड़क बनाकर विकास को रफ़्तार देने की घोषडा की गई थीं।
बड़खल विधायक सीमा त्रिखा का ड्रीम प्रोजेक्ट बड़खल झील का निर्माण कार्य आज भी धीमी गति से चल रहा है। स्मार्ट सिटी की ओर से बड़खल झील तक पाई बिछा दी गई है परंतु सीवर शोधन संयंत्र का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। परंतु सेक्टर 21, एसजीएम नगर सेक्टर 45, 46 और ऐसे ही तमाम सेक्टरों से बड़खल झील तक बारिश का पानी पहुंचने के लिए ड्रेनेज लाइन बिछाने का काम 200 मीटर हो चुका है।
विश्व स्तरीय राजनैतिक इंटरनेशनल स्टेडियम की पहचान धूमिल होती जा रही है। शहर स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहा है लेकिन शहर की धरोहर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम आज भी खंडहर बना हुआ है। 8 अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों का गवाह रहा। अब अपनी बेरुखी पर आंसू बहा रहा है। निवासी कहना है कि पिछले 8 वर्षों से सरकार द्वारा केवल विकास के नाम पर बड़े-बड़े दावे ही किए जा रहे हैं। लेकिन स्टेडियम में रुके काम को लेकर किसी नेता मंत्री अधिकारी को कोई दिलचस्पी नहीं है।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर 78 में 8 एकड़ जमीन पर जो विज्ञान भवन का निर्माण होना था, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने साल 2019 में की थी और दावा किया था कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा कन्वैक्शनल सेंटर होगा, परंतु 4 वर्ष पहले विज्ञान भवन का निर्माण के लिए 378 करोड रुपए की एस्टीमेट मंजूरी मिली थी। लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय में फाइल अटकी होने कारण अब यह प्रोजेक्ट 49 करोड रुपए और ज्यादा महंगा हो गया है। यह एस्टीमेट लगभग 427 करोड रुपए का हो गया और आज भी सरकार से इस को मंजूरी का इंतजार है।
जो सरकार के दावों में से कुछ योजनाएं पूरी हैं, वह योजनाएं कुछ इस तरह है, कि बल्लभगढ़ तक मेट्रो सेवा को विस्तार मिला।
सड़कों पर 1500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। स्मार्ट सिटी योजना के तहत 4 सड़कों का निर्माण पूरा किया गया।
सेक्टर 19 में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया। बल्लमगढ़ में लघु सचिवालय का निर्माण पूरा हुआ।
आगरा नहर के पर तकरीबन 8 नए पुल बनाए गए, तीन साइबर थानों के साथ तीनों जोनों में महिला थाने बनाए गए, एनआईटी में प्रदेश का पहला मॉडल बस स्टैंड चालू हुआ।