ग्राउंड वाटर की स्थिति दुरुस्त करने के लिए सरकार अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों को जीवित करने की कोशिश कर रही है। इस पर फरीदाबाद के अधिकारी कितने सक्रिय हैं, इसकी रिपोर्ट आ चुकी है। योजना के तहत तालाबों को सवारने में फरीदाबाद प्रदेश पांचवें पायदान पर है।
जबकि पड़ोसी जिला गुड़गांव दूसरे नंबर पर है। अधिकारियों की उदासीनता का अंदाजा इसी लिए लगाया जा सकता है कि पहले चरण में अब तक 11 तालाबों का काम हो चुका है, जबकि लक्ष्य 24 था, काम 46% तक पूरा कर लिया गया है, परंतु बाकी टारगेट पूरा करने के लिए 30 जून तक का समय लगेगा। डीसी विक्रम ने भी सभी विभागों कहा कि वे जल्द पहले चरण के तहत तालाब को जीवित करने का काम पूरा करेंगे।
जिला पंचायत और विकास अधिकारी राकेश मोर का कहना है कि राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में 75 तालाबों को जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा गया है। अमृत सरोवर योजना के तहत इस पर तेजी से कार्य चल रहा है। पंचायती राज और मनरेगा के तहत 11 तलाब बनकर तैयार भी हो चुके हैं। इसमें पंचायत विभाग, सिंचाई विभाग और नगर निगम के तालाब में शामिल है।
इन सभी तालाबों का कार्य दिसंबर तक पूर्ण करने की कोशिश है। पहले चरण की अगर बात करें तो 24 तालाबों को जीवित करने का काम 30 जून तक पूरा हो जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक 11 तालाबों का ही काम पूरा हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतने कम दिनों में बाकी तालाबों का काम पूरा हो पाएगा या नहीं?
डीडीपीओ ने बताया कि औसतन एक तालाब को संवारने के लिए 15 से 75 लाख तक खर्च करने पड़ते हैं। इन तालाबों को खोदकर 11 किया जाना होता है ताकि ज्यादा पानी आ सके। तालाब में चारों तरफ ट्रेक्टर निर्माण कर घाट बनाया जाता है। वही कुछ स्थानों पर पशुओं को नहलाने के लिए जगह तैयार करते हैं। तालाब में गांव का पानी और बरसाती पानी कैसे आएगा, उसकी व्यवस्था भी की जाती है।