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बल्लभगढ़ में बंदरों का आतंक कुछ इस कदर फैला, लोग घरों में हुए कैद छाया सन्नाटा, जाने पूरी खबर।

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सेक्टर 15 स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में बंदरों का आतंक इतना फैला है कि लोग सहमे हुए हैं। यह बीते 1 महीने में बंदरों का झुंड 10 बच्चों सहित 30 लोगों को घायल कर चुका है। लोगों का कहना है कि घर में प्रवेश द्वार पर बंदरों का झुंड इतना है कि लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इसके चलते बुजुर्गों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आलम यह है कि घर की छत गलियां पार्क बंदरों के आतंक से सेक्टर में सन्नाटा छाया हुआ है। उदय परेशान लोग घरों में लोहे की जाली लगवाने लगे हैं। स्थानीय निवासी पिछले 1 महीने से समस्या के समाधान की मांग करें परंतु अभी तक कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है।सेक्टर 3 के लोगों ने बताया कि बंदर घर की छत से घुसकर उत्पात मचाते हैं और बालकनी में लगे गमले पौधों को तोड़ देते हैं जहां कि घर में लगे हुए पर्दो को भी फाड़ देते हैं।

बल्लभगढ़ में बंदरों का आतंक कुछ इस कदर फैला, लोग घरों में हुए कैद छाया सन्नाटा, जाने पूरी खबर।

इसके अलावा ऊपर लगी पानी की टंकी के ढक्कन और पाइप को तोड़ देते हैं, जिससे पानी की सप्लाई ठप हो जाती है और वही मंदिर जाते समय रास्ते में बंदर लोगों के हाथ से समझने लगते हैं। समान ना देने पर बंदर भाई संबंधित मामले को लेकर की गई तो उन्होंने किसी प्रकार का कोई भी एक्शन नहीं लिया और ना ही फोन उठाया जा रहा हैं।

स्थानिय लोगों का कहना है कि पिछले हफ्ते ही पार्क में दो बच्चों को बंदरों के झुंड ने घायल कर दिया था, जिससे बच्चों को बीके अस्पताल ले जाया गया और वहां पर डॉक्टरों ने व्यक्ति खत्म होने की बात कहकर इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद परिजनों ने निजी अस्पताल में ले जाकर इलाज करवाया।

बल्लभगढ़ में बंदरों का आतंक कुछ इस कदर फैला, लोग घरों में हुए कैद छाया सन्नाटा, जाने पूरी खबर।

सेक्टर 3 के निवासी रमेश चंद का कहना है कि महिलाओं के लिए मंदिर तक पहुंचना दूभर हो गया है। बंदर आए दिन लोगों को घायल कर रहे हैं। इसके चलते बाहर निकलना बंद कर दिया जाए। बच्चे हो या बदल किसी के लिए भी घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है।

ज्यादातर मामले सैनिक कॉलोनी, सराय, ख्वाजा सेक्टर-28, 19,37, अशोक का पल्ला, सेहतपुर, एनआईटी ओल्ड फरीदाबाद आदि स्थानों पर बंदरो का सबसे ज्यादा अधिक आतंक देखने को मिल रहा है जिसकी वजह से वहां के स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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