सड़कों पर बेसहारा पशुओं का आतंक है। रात के समय में पशु वाहन चालकों को अपना शिकार बना देते हैं। शहर में मौजूद नगर निगम की टीम गौशाला पहले से ही ओवरलोडेड है। ऐसे में दो नई बनाने की योजना नगर निगम तैयार कर रहा है। इसके लिए जमीन तलाशी जा रही है। इनको शालाओं से निकलने वाले गोबर से कई प्रोडक्ट बनाकर मार्केट में बेचने का भी प्लान नगर निगम तैयार कर रहा है।
नगर निगम से जुड़ी तीन गौशाला में क्षमता से ज्यादा बेसहारा पशु रखे हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2023 24 के लिए पेश किए गए बजट में गौ सेवा आयोग के लिए 400 करोड़ का बजट दिया गया जो कि पिछले साल से 10% ज्यादा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोवंश से निकलने वाले गोबर से दीपक बनाकर बाजार में बेचने की तैयारी की जा रही है। गोबर से लट्ठे बनाने के लिए दो मशीन लगाई जाएंगी।
इनका प्रयोग श्मशान और होलिका दहन के समय में हो सकता है। गोबर से खाद बनाने के लिए सात वर्मी कंपोस्ट बेडो को भी लगाया जाएगा। इस खाद को बेचकर को आश्रय स्थल को स्वावलंबी बनाने का प्लान नगर निगम ने तैयार किया है।
नगर निगम के एम ओ एच प्रभजोत कौर का कहना है कि नगर निगम शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए कई योजनाएं तैयार कर रहा है। बेसहारा पशु लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही ऐसे में दोनों गौशाला बनाने को लेकर सरकार के पास प्रपोजल भेजा गया। इनको हाईटेक बनाने की योजना है।