सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए का कवायद के तहत ट्रैफिक पुलिस ने केंद्र सरकार के ई डार सॉफ्टवेयर पर काम शुरू कर दिया। इसके तहत डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन ने साबित पुलिसकर्मी संबंधित पुलिसकर्मियों को सॉफ्टवेयर की जानकारी दें। सॉफ्टवेयर पर अधिक से अधिक डाटा दर्ज करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर का से जोड़ा जाएगा। इसमें पुलिस स्वास्थ्य विभाग और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण अधिकारियों को जोड़ा गया है।
सभी जांच अधिकारियों की आईडी ऐप में बनाई गई है। कोई सड़क दुर्घटना में होने पर जांच अधिकारी मौके पर जाकर की आईडी से आप मेल लोगिन करेगा। इसके बाद ऐप के जरिए लाइव वीडियो बनाएगा। इस लिहाज से की पूरी वीडियो बनाई जाएगी। दुर्घटना का एक और कारण दर्ज किए जाएंगे। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के कर्मचारी मौके पर जाकर या पड़ताल करेंगे कि हादसे का कारण इस सड़क में खामी तो नहीं थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सॉफ्टवेयर हादसे में मृत या घायल होने वाले का डाटा अपडेट करेंगे।
एसीपी ट्रैफिक विनोद कुमार ने बताया कि सॉफ्टवेयर दर्ज किए डाटा का ऑटोमेटिक विश्लेषण करने में सक्षम है। एक पूरी टीम डेटा विश्लेषण करने पर लगाई गई है। ट्रैफिक अधिकारी भी इस सॉफ्टवेयर से जुड़े हैं। सॉफ्टवेयर चाहिए। पता लग जाएगा कि जिले में सबसे ज्यादा हास्य किन कारणों से हो रहे हैं। किस जगह पर सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। जानकारी मिलने के बाद कारणों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
पुलिस की इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट 30 मई, 2021, 2022 और 2023 के आंकड़ों का विश्लेषण कर हाईवे पर 12 ब्लैक कोट सेट किए हैं। इनमें एल्सन, झाड़सेटली पुल, कैली फ्लाईओवर गुडईयर चौक, जेसीबी चौक, बड़खल फ्लाईओवर, एनएचपीसी चौक, बाटा चौक, अनाज मंडी कट, बल्लभगढ़, सीकरी रोड टोल शामिल है। इनमें 6 पॉइंट ऐसे हैं जो फुटओवर ब्रिज बनाकर ब्लैक स्पॉट खत्म किया जा सकता है। बाकी पॉइंट पर सड़क में थोड़ा बदलाव करना होगा।
डीसीपी ट्रेफिक अमित यशवर्धन का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार सॉफ्टवेयर पर गंभीरता से काम कर रही है। हमारी कोशिश यह है कि सॉफ्टवेयर पर अधिक से अधिक डाटा अपलोड किया जा सके ताकि सड़क हादसों का सही तरीके से विश्लेषण किया जा सके। इसके परिणाम भी जल्द दिखाई देंगे। शहर में सड़क हादसों के कारण जानकर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा।