शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 20 हजार से अधिक बेसहारा गोवंश सड़कों पर घूम रहा है, लेकिन नगर निगम इन्हें गौशाला तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं कर पा रहा है जो गोशाला में सेवा में लगी है। निगम की ओर से उनके चारे के लिए पर्याप्त राशि भी नहीं मिल पा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम के पास गोवंश को गौशाला तक पहुंचाने के लिए सिर्फ दो वाहन है। वह भी अक्सर खराब रहते हैं। इस स्थिति में सुधार के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा संचालित गौशाला कमेटी की टीम कई बार नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क कर चुकी है, परंतु कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
चारे के लिए मिलने वाली राशि का विवरण नगर निगम की ओर से गोपाल गौशाला मवाई तथा ऊंचा गांव की गौशाला को हर महीने चारे के लिए पर्याप्त राशि प्रदान की जाती है। नगर निगम जो राशि उपलब्ध करा रहा है, वह कम है। गौशाला संचालकों ने अब नगर निगम के अधिकारियों से चारे की राशि बढ़ाने की मांग की है।
गौशाला संचालक इस बात के लिए नाराजगी जताते हैं कि उनके यहां क्षमता अधिक गोवंश है। मगर नगर निगम चारे का बजट नहीं बढ़ा रहा है। गोपाल गौशाला में लगभग 16s सौ से ज्यादा गोवंश की क्षमता है। मगर वहां 18 सौ से अधिक गोवंश गौशाला के अध्यक्ष रमेश गुप्ता कहते हैं कि वह सामाजिक संगठनों के सहयोग से गौशाला के नए शेड बनवा कर गौ सेवा का प्रयास कर रहे हैं।
नगर नगर निगम सहयोग नहीं कर रहा है। गौशाला का हर महीने का खर्चा 28 लाख रूपए है। मगर गौशाला को सिर्फ 4 लाख रूपए दिए जाते हैं। चारों की राशि बढ़ जाए तो और बेहतर को सेवा हो पाएगी। सर्वोदय फाउंडेशन की ओर से किए गए वर्ष 2021 के सर्वे के अनुसार शहर की सड़कों पर 20 हजार से ज्यादा बेसहारा पशु है। फाउंडेशन के सदस्य जितेंद्र भड़ाना कहते हैं कि अगर नगर निगम गौशाला चलाने की जमीन उपलब्ध करा दें तो नई गौशाला चालू की जा सकती है।
नगर निगम के पशु दस्ता के कर्मचारी वेद भडाना ने स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय और निरीक्षक बिशन तेवतिया को पत्र लिखा है कि वाहनों के टायर खराब हो गया। ऐसे में वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है। कई बार अपनी जेब से मरम्मत कार्य पर खर्चा करना पड़ता है। वाहन के टायर बनवाए जाए मगर अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है। बिशन तेवतिया कहते हैं कि इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
नगर निगम के अधिकारी डॉक्टर प्रभजोत कौर का कहना है कि हम दो नई गौशाला चालू करने के लिए योजना बना रहे हैं। नगर निगम के संचालन को गांव में भुपनी तथा नवादा में गौशाला बनने से 15 सौ से अधिक गोवंश को सहारा मिल पाएगा। गौशालाओं के चारे के बजट बढ़ाने की मांग के बारे में निगमायुक्त को अवगत कराया गया है।