गांव में सीवर लाइन डालने का काम ग्रामीणों के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन चुका है, जहां सीवर लाइन डाल दी है। वहां जगह को समतल नहीं किया गया। अभी भी उबड़ खाबड़ जगह है। इस वजह से लोग काफी ज्यादा परेशान है। जिन गलियों में सीवर लाइन डाली गई थी, उन्हें बनाया जा रहा है। गलियों में पहले से लगी हुई टाइलें नहीं उखाड़ी गई और उनके ऊपर ही नई टाइलें लगा दी गई।
इससे जब भी वाहन वहां से गुजरते हैं तो दो पहिया वाहन हिलने लगते है और इससे दोपहिया वाहनों का संतुलन भी बिगड़ जाता है। सीधे-सीधे पैसे की बर्बादी हो रही है। सीवर लाइन डालने वाले ठेकेदार ने श्रमिकों को खर्चा बचाने के लिए ऐसा किया है। टाइलों के ऊपर यमुना रेती तक नहीं डाली गई।
सीवर लाइन डालने के बाद मुख्य मार्ग पर सड़क के टूटे हिस्से को बनाने में खानापूरी हो रही है। सीमेंटेड कंक्रीट के नाम पर घटिया सामग्री डाली जा रही है। रोड़ी दिखाई दे रही है। कुछ ही दिन बाद रोड़ी उखड़ जाएगी।
तिगांव में सीवर लाइन डालने का काम पिछले 3 साल से चल रहा है लेकिन पूरा नहीं हो सका। विधायक राजेश नागर ने भी इस में बढ़ती जा रही लापरवाही के प्रति नाराजगी जता चुके हैं, वही विधानसभा कमेटी समक्ष भी इस मुद्दे को उठाया जा चुका है और ठेकेदार को फटकार भी लगाई जा चुकी है।
तिगांव निवासी वीरू नागर लाला ने बताया कि इस तरह की लापरवाही शुरू से ही की जा रही है। अगर वर्षा से पहले काम पूरा नहीं हुआ तो फिर से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए काम जल्द से जल्द पूरा और सही तरीके से होना चाहिए।
वही ठेकेदार रमेश मेहता का कहना है कि गलियों में टाइलें उखाड़ने के झंझट से बचने के लिए इनके ऊपर टाइलें लगाई जा रही है। जहां नई टाइलें लगी है, उनके ऊपर यमुना रेती डाल दी जाएगी, जिसके बाद टाइलें आवाज नहीं करेंगी।