शहर में वेस्ट टू आर्ट से हैपनिंग पार्क बनाने की योजना सिरे नहीं चढ़ सकी है। इसे निगम मुख्यालय के पास दशहरा मैदान में कबाड़ से बनी आकृतियों से बनाया जाना था। नगर निगम अपने कबाड़ से एक वेस्ट टू आर्ट के तहत पार्क विकसित करने की योजना पिछले साल तैयार की थी। तत्कालीन निगमायुक्त यशपाल यादव ने इसे शहर के बीच बनाने पर जोर दिया था।
जहां पर लोगों को घूमने के लिए एक अच्छी जगह मिल सकती थी। इससे लेकर दो एजेंसियों से बात भी हुई थी। निगम की योजना थी कि इस तरह का पार बनाने से एक तरफ जहां कबाड़ का सही इस्तेमाल हो सकेगा, वहीं लोगों को घूमने के लिए एक अच्छी जगह भी मिल जाएगी।
पार्क में जानवरों, पक्षियों, इमारतों या पेड़ सहित कई तरह की आकृतियां बनाई जानी थी। ऑटोमोबाइल कचरे पंखे, छड़ी लोहे की चादरों, नट बोल्ट, साइकिल, मोटरसाइकिल गाड़ियों के खराब पाठ और कई धातुओं के कचरे से आकृतियों को डिजाइन करना था।
इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर बनाने की योजना थी। हालांकि यशपाल की ट्रांसफर होने के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि हैपनिंग पार्क की योजना पर फिलहाल कोई काम नहीं चल रहा है।