शहर में जगह-जगह खुले मैनहोल हादसों को न्योता दे रहे हैं। शनिवार देर रात हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मेन हॉल में गिरकर एक बच्चे की मौत हो गई। खुले मेनहोल कई जिंदगी निकल चुके हैं, लेकिन अधिकारी केवल मूकदर्शक बने दिखाई दे रहे हैं। कई हादसे होने के बाद भी कोई बदलाव नहीं है। निगम क्षेत्र में कई जगहों पर मेनहोल खुले हुए हैं।
शहर में कई कॉलोनियों से लेकर सेक्टरों में कई जगहों पर खुले हुए हैं। मैनहोल जिनमें ढक्कन है वह भी टूटे हुए हैं। क्षतिग्रस्त है। ऐसे में यह हादसों को दावत दे रहे हैं। टूटे मेन हॉल और खुली नालियों के कारण लोग आए दिन घायल होते हैं। शहर में कई बड़ी घटना के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात एनआईटी और बल्लभगढ़ में है। मुझे एसजीएम नगर, साठ फुट पर्वतीय कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, एनआईटी पांच, सेहतपुर, सेक्टर, 21 सेक्टर, 30 चावला कॉलोनी, मलेरणा रोड, सेक्टर, 55 गुप्ता, होटल रोड सहित अन्य जगहों पर अनगिनत सीवर के ढक्कन खुले हुए हैं।
खुले मैनहोल के कारण सेक्टर 59 में 4 साल के बच्चे की मेन हॉल में गिरकर मौत हो गई है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। विभागों की लापरवाही से कई जिंदगियां मेन हॉल में डूब चुकी है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। लोगों के दबाव के बाद पुलिस संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लेती है, लेकिन मामला केवल जांच तक ही सीमित रह जाता है। इस मामले पर कोई भी गिरफ्तारी नहीं होती।
इससे पहले 13 जुलाई 2010 को सेक्टर 55 में अमरजीत के 5 साल के बेटे इंद्रजीत की मेन हॉल में गिरकर मौत हो गई थी। मामला अदालत तक भी पहुंचा लेकिन आज तक विचाराधीन है। परिवार के लोग सड़क के गड्ढों को भरने के लिए मुहिम चलाते हैं, लेकिन अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा।
जिन जिन जगहों पर मेनहोल खुले हुए हैं वहां के दुकानदारों की मानें तो नाला लंबे समय से खुला हुआ है और इससे संबंधित कई बार अधिकारियों को शिकायत भी कर दी गई है। परंतु किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। साथ ही नगर निगम के एसआई ओमवीर सिंह ने बताया कि सभी कार्यकारी अभियंताओं को मैनहोल पर ढक्कन लगाने के निर्देश दिए जाएंगे।