सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के सर्जन बीएफ गर्भवती क्योंकि सिजेरियन डिलीवरी करेंगे। इसके लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा पहले जनरल सर्जन के प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसको लेकर सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
बीके अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्र पर ही एक छत के नीचे स्त्री रोग और बाल रोग विशेषज्ञ सहित बेहोशी के डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके कारण सीएचसी और पीएचसी स्तर पर गंभीर गर्भवती को सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा नहीं मिल पाती है और हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है जिसे कई बार जच्चा-बच्चा की जान को जोखिम रहता है।
नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा आदेश जारी किए गए हैं कि स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात जनरल सर्जन बाल रोग, विशेषज्ञ और बेहोशी के डॉक्टर सर्जन को अभी स्त्री रोग विशेषज्ञ सिजेरियन डिलीवरी के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें गर्भवती ओक और रेफरल केसो में कमी आएगी और उनकी जान को भी खतरा नहीं होगा। जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में हर साल करीब 35 व डिलीवरी होती है। बीके अस्पताल में हर रोज 20 से 25 डिलीवरी होती है, जिसमें 10 के करीब सिजेरियन डिलीवरी होती है।
गर्भवती यों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रथम रेसलर यूनिट को बनाया हुआ है जो कि सेक्टर 3 और सेक्टर 30 में है। दोनों स्वास्थ्य केंद्र पर हर रोज 200 से 250 गर्भवती महिलाएं उपचार के लिए आती है। दोनों स्वास्थ्य केंद्रों पर अगर कोई हाई रिस्क वाले गर्भवती डिलीवरी के लिए आती है तो उसे बीके अस्पताल और दिल्ली रेफर कर दिया जाता है।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ सुशील अहलावत का कहना है कि स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए सर्जन को प्रशिक्षण देकर सिजेरियन डिलीवरी में सहयोग दिया जाएगा। यह एनएचएम का अच्छा कदम है। इससे हाई रिस्क प्रेगनेंसी केस में सुरक्षित डिलीवरी संभव होगी।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…
प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…
देश की राजधानी दिल्ली शुरू से ही लक्जरी लाइफ और सुंदर कैफे के लिए फैमस…
प्रदेश के हजारों कर्मचारियो के लिए यह खबर बड़ी ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रदेश सरकार…
हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…
प्रदेश के जो लोग अपना सफ़र करने के लिए ट्रेन का प्रयोग करते हैं यह…