1100 करोड़ लेने के बाद भी Faridabad के इन गांव में अभी तक शुरू नहीं हुआ विकास कार्य, ढाई साल पहले नगर निगम में हुए थे शामिल

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 1100 करोड़ लेने के बाद भी Faridabad के इन गांव में अभी तक शुरू नहीं हुआ विकास कार्य, ढाई साल पहले नगर निगम में हुए थे शामिल

Faridabad को एक तरफ़ जहां हरियाणा राज्य की स्मार्ट सिटी कहा जाता हैं, वहीं दूसरी ओर फ़रीदाबाद के कुछ ऐसे गांव भी है जिनकी हालत बद से बदतर हैं। आज हम आपको फ़रीदाबाद के 24 ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जो नगर निगम में शामिल होने के बाद भी विकसित नहीं हुए है।

1100 करोड़ लेने के बाद भी Faridabad के इन गांव में अभी तक शुरू नहीं हुआ विकास कार्य, ढाई साल पहले नगर निगम में हुए थे शामिल

इन गांव में शामिल हैं – टिकावली, सोतई, साहुपुरा, तिलपत, चंदवाली, भूपानी, मच्छगर, फिरोजपुर माजरा, मुजैडी, बडौली, नचौली, प्रहलादपुर माजरा, बादशाहपुर भतौला, पलवली, फरीदपुर, नवादा गांव, खेड़ीकला, मिर्जापुर, बिंदापुर, मलेरना, और रिवाजपुर शामिल हैं। साल 2021 में ग्रेटर फरीदाबाद के ये सभी गांव नगर निगम में शामिल हुए थे। लेकिन अभी तक इन गावों में विकास कार्य शुरू नहीं हुए हैं।

बता दें कि नगर निगम ने इन गावों के खाते में जमा हुए 1100 करोड़ रुपए भी निकाल लिए हैं, लेकिन काम अभी तक एक पैसे का भी नही हुआ है। इसी के साथ ही इन गांवों की पंचायती जमीन का मालिक भी अब नगर निगम बन गया है।

1100 करोड़ लेने के बाद भी Faridabad के इन गांव में अभी तक शुरू नहीं हुआ विकास कार्य, ढाई साल पहले नगर निगम में हुए थे शामिल

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दिनों में जिला सतर्कता एवम् विकास समिति की एक बैठक हुई थीं, इस बैठक में तिगाव गांव के विधायक राजेश नागर ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए, नगर निगम के अधिकारियो पर आरोप लगाया है कि, उन्होंने इन 24 गांव का विकास कार्य जानबूझ कर नहीं कराया हैं, क्योंकि वे चाहते ही नही हैं इन गावों का विकास हो। विधायक राजेश नागर के समर्थन में उतरते हुए केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुज्जर ने भी नगर निगम के अधिकारियो को विकास कार्य जल्द शुरू करनें के लिए कहा था।

एक तरफ़ जहां अभी तक इन गांव का विकास कार्य नहीं हुआ है, वहीं इन 24 गांव के निवासियों के सामने एक और बड़ी चुनौती आ गईं हैं। दरअसल नगर निगम लाल डोरा से बाहर बसी हुई आबादी का सर्वे कर रहा हैं। इस सर्वे के तहत जो भी आबादी लाल डोरा से बाहर बसी हुई है, उसे नगर निगम कॉलोनी घोषित करेगा। जिसके बाद इन कॉलोनी में बने हुए मकानों से विकास शुल्क लिया जाएगा।

इसके साथ ही लाल डोरा से बाहर अब जो भी मकान या दुकान बनेगी, उसके लिए नगर निगम से अनुमति लेकर, उसका नक्शा पास कराना होगा। इस बात से ना खुश होकर पिछले कुछ दिनों पहले भतौला और नीमका गांव के लोगों ने पंचायत करके नगर निगम के इस फैसले का विरोध किया था।

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