फरीदाबाद वासियों के लिए नगर निगम का महत्व हुआ शून्य,यहां जानें क्या है इसके पीछे की वजह

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 फरीदाबाद वासियों के लिए नगर निगम का महत्व हुआ शून्य,यहां जानें क्या है इसके पीछे की वजह

आए दिन फरीदाबाद की जनता के लिए नगर निगम का महत्व खत्म होता नजर आ रहा है, क्योंकि अब जनता अपनी जन सुविधा की जरूरतों की ख़ुद ही पूरा कर रही हैं। क्योंकि उनका मानना है कि निगम को समस्या के बारे में बताना और ना बताना एक बराबर है, क्योंकि निगम को समस्या का पता लगने के बाद भी वह कोई समाधान नहीं करता है।

फरीदाबाद वासियों के लिए नगर निगम का महत्व हुआ शून्य,यहां जानें क्या है इसके पीछे की वजह

अभी कुछ दिन पहले हमने आपको बताया था कि लक्कड़पुर फाटक से जसवंत डेरा तक लोगों ने खुद से पैसे इकठ्ठे करके सड़क का निर्माण किया है, बिना निगम की मदद लिए। वहीं अब ख़बर आ रही है कि संत नगर के लोगो ने भी खुद से पैसे इकठ्ठे करके अपनी समस्या का समाधान करना शुरू कर दिया है।

फरीदाबाद वासियों के लिए नगर निगम का महत्व हुआ शून्य,यहां जानें क्या है इसके पीछे की वजह

दरअसल बीते सोमवार को वहा के लोगो ने सीवर के गंदे पानी से निजात पाने के लिए खुद ही सड़क के दोनों तरफ नाले खोद दिए। ताकि गंदा पानी सड़कों से बेहकर नालों में चला जाए। इस पर संत नगर के प्रधान एसडी यादव का कहना है कि,”यहां के लोग स्मार्ट सिटी और नगर निगम के बीच में फस कर रह गए हैं। क्योंकि यहां पर स्मार्ट सिटी को विकास कार्य करने थे, जिसके लिए विभाग ने टेंडर भी जारी किया था।”

“जिसके बाद ठेकेदारों ने काम भी शुरू कर दिया था, लेकिन पेमेंट ने मिलने के कारण उन्होंने बीच में ही काम छोड़ दिया। जब ठेकेदार यहां का काम छोड़ कर चले गए, तो स्मार्ट सिटी ने यह कार्य निगम को सौंप दिया। लेकिन निगम के कर्मचारी यहां पर आए ही नहीं है। जिसके बाद लोगों ने प्रदर्शन भी किया लेकिन उन्हें कोई समाधान मिला नहीं।”

अब सवाल ये उठता है कि यदि जनता इसी तरह से अपनी जन सुविधा का कार्य खुद ही करेगी, तो क्या आने वाले समय में धीरे-धीरे प्रशासन का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा?

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