आज के समय में यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी को सरकार से अपनी बात मनमानी हो तो उसके लिए इन्होंने एक अनोखा तरीका ढूंढ रखा है। यह तरीका है हड़ताल का, यह लोग अपनी बात मनवाने के लिए हड़ताल तो शुरू कर देते हैं। लेकिन शायद भूल जाते हैं कि इनकी हड़ताल की वजह से आम जनता को कितनी परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
दरअसल इन दिनों फरीदाबाद की तहसीलों में लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रही है। जिस वजह से यहां पर पिछले 21 दिनों से रजिस्ट्री होना, ड्राइविंग लाइसेंस बनना और रिहायशी प्रमाण पत्र बनना पूरी तरह से बंद हो गया हैं। अब ऐसे में जनता अपने काम कराने के लिए इधर-उधर परेशान घूम रही है।
बता दे कि प्रशासन ने लिपिकों की हडताल के बाद रजिस्ट्री शुरू करने की एक योजना बनाई थी, लेकिन वह योजना पूरी तरह से विफल हो गई। क्योंकि प्रशासन ने रजिस्ट्री करने के लिए हरियाणा रोडवेज सहित अन्य पटवारियों को ड्यूटी पर लगाया था। जिस पर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने तर्क दिया कि दूसरे विभागों के कर्मचारी सही प्रकार से यह काम नहीं कर पाएंगे।
अगर उनसे रजिस्ट्री करते वक्त किसी भी तरह की कोई चूक होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। लिपिकों की हड़ताल के बाद से तहसीलों का आलम यह है कि सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार दिनभर खाली बैठे रहते हैं। और जनता परेशान होकर इधर-उधर भटकती रहती है।