फरीदाबाद का नगर निगम हर साल सड़कों की सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च करता है, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी शहर में जगह-जगह पर कूड़ा कचरा, धूल मिट्टी देखने को मिल जाएगी। अब ऐसे में नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल कुछ दिनों पहले सरपंच कॉलोनी के रहने वाले अजय सैनी ने नगर निगम से RTI के तहत प्रेत्यक विधनसभा में खर्च होने वाले पैसे की जानकारी मांगी थी। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने हरकत दिखाते हुए पूरी जानकारी देने के बजाए आधी अधूरी जानकारी दी है वो भी 55 दिनों में।
इस जानकारी में अधिकारियो ने बताया है,”एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद, तिगांव, बड़खल, बल्लभगढ़ और राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास के क्षेत्र में रोजाना 6 रोड स्वीपिंग मशीन चलती है। यह मशीनें 1 दिन में 30 से 32 किलोमीटर चलती है, इन मशीनों का 1 दिन का खर्चा 4.70 लाख रुपए है। यानी कि 1 साल का खर्चा पूरा 3.38 करोड़ रुपए है।”
इस जानकारी के बाद से नगर निगम पर सवाल उठ रहा है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी शहर में इतनी गंदगी क्यों है। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि RTI लगाने के 30 दिन बाद जानकारी मिलती है। लेकिन फरीदाबाद के अधिकारियों की बात ही कुछ और है उन्होंने पूरे 55 दिन बाद जानकारी दी है वह भी आधी अधूरी।
इसी के साथ बता दें कि यह रोड स्वीपिंग मशीन सड़क पर जमा हुए मिट्टी के काणो को इकट्ठा करती है और बाद में इन मिट्टी के काणो को उन क्षेत्रों में डाल दिया जाता है, जहां पर गड्ढे होते हैं।