छोटे बच्चों के शिक्षा बेस को मजबूत करने के लिए सरकार ने साल 2020 में नई शिक्षा नीति बनाई थी। इस नीति के नियमों के तहत पांच साल तक के बच्चों का दाखिला बाल वाटिका में किया जा रहा हैं, इस वाटिका में वह खेल खेल में पढ़ाई करना सीखेंगे। साथ ही उन्हें कई अन्य सुविधाएं भी दी जानी थीं।
जैसे साढ़े चार घंटे की पढ़ाई के दौरान बच्चों को दो बार खाना पानी देना, 25 बच्चों के लिए एक शिक्षक और सहायक को तैनात करना आदि। लेकिन अब आलम ये है कि शहर के 239 बाल वाटिकाओं में बच्चों को कुछ भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अप्रैल के महीने में सेक्टर-55 मॉडल संस्कृति स्कूल में 25 बच्चों ने दाखिला लिया था, लेकिन आज यह बच्चें सुविधाओ के लिए तरस रहे हैं। बता दें कि यह हालत शहर के लगभग सभी स्कूलों की हैं।
इस पर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल का कहना है कि,” बाल वाटिका में जो भी सुविधाएं होनी चाहिए, उन्हें नियमानुसार मुहैया कराने के लिए मुख्यालय से संपर्क किया जा रहा है।”
जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षा नीति 2020 के अनुसार इन बाल वाटिकाओं में पढ़ने वाले बच्चों को पुस्तकें, भोजन, वर्दी आदि सब कुछ नि:शुल्क देना था, साथ ही इनको पढ़ाने वाले शिक्षकों का भी प्रशिक्षण करना था। क्योंकि NCERT ने इस बार नए तरीके से शिक्षण सामग्री तैयार की है, ताकि खेल खेल में बच्चों की पढ़ाई कराई जा सकें।
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