भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, यह हरियाणा के हाईकोर्ट में साबित कर दिया है। क्योंकि हाई कोर्ट ने 24 साल पहले मरे हुए चार लोगों को इंसाफ दिया है। दरअसल सन 1999 में ग्रेटर फरीदाबाद की बुढैना गांव के 4 लोगों की हत्या हुई थी। यह चार लोग थे- हर पाल, श्याम पाल, दिनेश और राजू।
बता दे कि हरपाल और श्याम पाल दोनों सगे भाई थे, वही दिनेश हरपाल का बेटा था और राजू हरपाल का साला था। 24 साल पहले इन चारों का अपहरण करके, इन्हें अरावली में ले जाकर मार दिया था और जलाकर सबूत मिटा दिए थे। उस वक्त 19 लोगों पर इन चारों की हत्या का आरोप था, जब इस केस की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरएस विर्क की अदालत में हुई थी।
साल 2004 में 21 अगस्त को कोर्ट में इन 19 आरोपियों में से ब्रह्मजीत, उसके भतीजे प्रमोद, जयप्रकाश, विजय और नोएडा पुलिस के एएसआई रहे शिवनाथ सिंह को फांसी फांसी की सजा सुनाई थी। वही ब्रह्मपाल, ब्रह्म प्रकाश और गुड़गांव पुलिस के हवलदार ईश्वर सिंह, कंवर सिंह लक्ष्मीनारायण, प्रभाती, हरिंदर, श्याम सिंह, दिनेश और पवन सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। लेकिन चार आरोपियों को बरी भी किया था।
उस वक्त इन सभी दोषियों ने कोर्ट के इस फैसले से ना खुश होकर खुद को निर्दोष बताते हुए हाई कोर्ट में अपील की थी। उनकी इस अपील को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने साल 2005 में 26 सितंबर को इस केस की दोबारा सुनवाई के लिए इसे जिला अदालत फरीदाबाद में ही वापस भेज दिया था। जिसके बाद साल 2013 में 17 नवंबर को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितु वाईके बहल ने सबूतों की कमी की वजह से इस हत्याकांड के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
लेकिन न्याय पाने के लिए पीड़ित परिवार के कल्लू ने हाई कोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद अब जाकर हाईकोर्ट के न्यायधीश लीशा गिल व अर्चना पूरी की बेंच ने इन सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही इन सभी दोषियों पर 30-30 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि इन दोषियों में से ब्रह्मजीत और ईश्वर सिंह की मृत्यु भी हो चुकी है।
पीड़ित परिवार के कल्लू का कहना है कि, वह दोषियों को फांसी जरुर लगवाएंगे, अब वह इंसाफ पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।