फरीदाबाद का नगर निगम हमेशा से ही अपना काम अनोखे अंदाज में करता है, इन्हीं अनोखे कामों में से एक है करोड़ों के बजट से शहर की प्रत्येक सड़कों पर बनी गौशालाएं। क्योंकि शहर के सभी बेसहारा पशु सड़कों पर ही घूमते रहते है जैसे सड़कें ही उनकी गौशालाएं हो। यह बेसहारा पशु ही बड़े बड़े हादसो का कारण बनते हैं। वैसे कागजी तौर पर साल 2017 से ही फरीदाबाद आवारा पशु मुक्त घोषित है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
यहां की सड़कों पर बेसहारा पशु घूमते हैं, जिन पर नगर निगम बिलकुल भी ध्यान नहीं देता है।जानकारी के लिए बता दें कि, प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में गौ सेवा आयोग के लिए 400 करोड रुपए का बजट रखा है, जो कि पिछले साल के बजट से 10% ज्यादा है। निगम के पास इतना बजट होने के बावजूद भी करीब 15 हजार पशु सड़कों पर इधर-उधर घूम रहे हैं, इन पशुओं को कोई भी नहीं पकड़ रहा है। इसी के साथ बता दें कि फिलहाल शहर की 3 गौशालाऔ में 3750 पशु है। जिसमें से मवई गांव की गौशाला में 1700, श्री गोपाल गौशाला में 1400 और ऊंचा गांव की गौशाला में 650 पशु है।
इस पर नगर निगम के EXEN पद्म भूषण का कहना है कि,” शहर में पशुओं को पकड़ने के लिए दो टीम काम कर रही है, इन दो टीमों में 12 कर्मचारी हैं। अब एक और दस्ता बनाने के लिए लेटर लिखा गया है, ताकि उसे बल्लभगढ़ में तैनात किया जा सके।”
जानकारी के लिए बता दें कि इन बेसहारा पशुओं के मालिक सुबह-शाम इनका दूध निकाल कर इन्हें बिना चारा पानी दिए सड़कों पर खुला छोड़ देते है। जिस वजह से यह इधर घूमती रहती है।