शहर का विकास कार्य करते वक्त अलग-अलग विभागों का आमने-सामने आना आम बात है, क्योंकि कई बार अधिकारियों के तालमेल की कमी की वजह से दिक्कतें आ जाती है। जो कि बाद में शहर की जनता को परेशान करती है। जैसे अब शहर में सीवर लाइन का ओवरफ्लो लोगों को परेशान कर रहा है।
दरअसल दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान NHAI और HSVP के अधिकारियों की ठीक ढंग से बातचीत नहीं हुई। जिस वजह से इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान कई क्षेत्रों की सीवर लाइन इस निर्माण में दब गई, जिस वजह से अब कई सेक्टरों का सीवर सिस्टम पूरी तरह से ठप हो गया है।
अब आलम यह है की नई सीवर लाइन डालने के लिए करीब 20 करोड रुपए का खर्चा आएगा। लेकिन दोनों विभागों के बीच में बहस छिड़ी हुई है कि दोनों में से कौन इस खर्च को अपने बजट में से देगा। क्योंकि दोनों में से कोई भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है।
बता दे कि बीते शनिवार को ग्रीवेंस कमेटी की बैठक के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने NHAI के प्रति अपनी नाराज़गी जताई है। क्योंकि दोनों मंत्रियों ने कई बार NHAI के अधिकारियों को इस समस्या का समाधान करने के लिए कहा है लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई सुनवाई नहीं की है। जानकारी के लिए बता दे कि फिलहाल सेक्टर 62, 63, 64 और 65 की सीवर लाइन पूरी तरह से ठप पड़ी है।