इन दिनों उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के एक नोटिस ने शहर के सैकड़ों लोगों को हिला कर रख दिया है। दरअसल विभाग ने इस नोटिस के जरिए ने शहर के उन लोगों को 15 दिनों की चेतावनी दी गई हैं, जिन्होंने विभाग की जमीन पर अवैध कब्ज़ा करके मकान बनाया हुआ है।
बता दें कि शहर का प्रमुख नाला उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग का हैं, लेकिन शहर के लोगों ने इस नाले के दोनों तरफ अवैध मकान बनाए हुए है। जिस वजह से विभाग अब अपनी जमीन वापस लेने के लिए इन मकानों पर कार्रवाई करते हुए इन मकानों को तोड़ देगा। इसी के साथ बता दें कि विभाग ने मशीन से अपनी जमीन की पैमाइश कराईं है, जिसमें 71 लोग ऐसे पाए गए हैं जिनके निर्माण अवैध हैं।
इस पर SDM त्रिलोक चंद ने बताया है कि,” यूपी सिंचाई विभाग ने मकान मालिकों को रजिस्टर्ड पोस्ट से नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। 71 लोगों की सूची में से 20 लोगों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। नोटिस में लोगों से स्वयं अपने निर्माणों को हटाने के लिए कहा है। यदि उन लोगों ने निर्माण नहीं हटाए, तो फिर कार्रवाई होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि पहले शहर का प्रमुख नाला आगरा नहर से महल, रानी की छतरी की खाई और शाही तालाब में पानी भरता था। साथ ही चंदावली, ऊंचा गांव, रनहैडा खेड़ा और गौछी के खेतों में सिंचाई भी की जाती थी। लेकिन अब यह नाला महल से शुरू होकर बस अड्डा मार्केट, आदर्श सब्जी मंडी, दशहरा मैदान, अस्पताल रोड, कल्पना चावला सिटी पार्क, आकाश सिनेमा मुकेश कालोनी, जैन कालोनी, यादव कालोनी, प्रेम नगर, ऊंचा गांव, सेक्टर-64 में डिस्पोजल टैंक तक जाता है। जिस वजह से अब शहर की नालियों और बारिश का पानी आगरा नहर में डाला जाता हैं।