भारत में अब ड्रोन टेक्नोलॉजी से होगा एग्रीकल्चर, 50 प्रतिशत तक नुकसान होगा कम

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 भारत में अब ड्रोन टेक्नोलॉजी से होगा एग्रीकल्चर, 50 प्रतिशत तक नुकसान होगा कम

प्रमुख ड्रोन डिलीवरी लॉजिस्टिक्स प्रदाता ने एक नई स्टडी रिपोर्ट लॉन्च करते हुए कहा है कि ड्रोन टेक्नोलॉजी भारतीय कृषि सेक्टर का पूरा नक्शा बदलने में सक्षम है। इस रिपोर्ट में कृषि में ड्रोन टेक्नोलॉजी की नई और विशाल क्षमताओं के बारे में बताया गया है और कई नए तथ्य सामने लाए गए हैं। ‘‘ट्रांसफॉर्मिंग इंडियाज फ्रेश फ्रूट्स एंड वेजिटेबल इंडस्ट्री: ड्रोन डिलीवरी फॉर मिनीमाइजिंग वेस्टेज एंड एम्पॉवरिंग फॉमर्स’’ (भारत के ताजे फल और सब्जी उद्योग में बदलाव: बर्बादी को कम करने और किसानों को सशक्त बनाने के लिए ड्रोन डिलीवरी), टाइटल से जारी, यह व्यापक रिपोर्ट ताजे फल और सब्जी क्षेत्र में कटाई के बाद की चौंका देने वाली बर्बादी को उजागर करती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे ड्रोन डिलीवरी इन चुनौतियों को कम कर सकती है, किसानों की स्थिति में सुधार कर सकती है। इसके साथ ही ड्रोन डिलीवरी पूरी सप्लाई चेन की कार्यकुशलता और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ाने में सक्षम है।

भारत में अब ड्रोन टेक्नोलॉजी से होगा एग्रीकल्चर, 50 प्रतिशत तक नुकसान होगा कम

भारत को ताजे फलों और सब्जियों के क्षेत्र में कटाई के बाद सालाना 30-40 प्रतिशत की भारी क्षति के साथ एक गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अनुसार ये नुकसान, लगभग 13,300 करोड़ रुपए (1.8 बिलियन डॉलर) तक पहुंच गया है। प्रमुख तौर पर उचित स्टोरेज सुविधाओं के न होने के कारण कृषि उत्पादों के खराब होने, अकुशल ट्रांसपोर्टेशन सेवाएं और सीमित बाजार पहुंच के कारण नुक्सान बढ़ रहा है।

इन चुनौतियों के मद्देनजर, स्काई एयर का ये एनालसिस एग्री-कमोडिटी इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव लाने के लिए ड्रोन-आधारित डिलीवरी सिस्टम की क्षमताओं को सामने लाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट (मैनेएज) द्वारा संचालित एक पायलट प्रोजेक्ट में ताजा उपज के परिवहन के लिए ड्रोन के उपयोग के माध्यम से इसकी बर्बादी में लगभग 20 प्रतिशत की कमी देखी गई, जो इस इनोवेटिव सॉल्यूशंस के प्रभावों को प्रदर्शित करता है।

अंकित कुमार, संस्थापक और सीईओ, स्काई एयर का कहना है कि ‘‘परिवहन के एक महत्वपूर्ण हिस्से को सडक़ से ड्रोन डिलीवरी में स्थानांतरित करके, किसान कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पर्यावरण की दृष्टि से सस्टेनेबल प्रेक्टिसिज को बढ़ावा देने में योगदान दे सकते हैं। ताजे फल और सब्जी उद्योग में ड्रोन डिलीवरी को तेजी से अपनाए जाने से लागत बचत, समय की बचत होती है और इसमें योगदान मिलता है। साथ ही इस प्रोसेस में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सफलता मिलती है। ये लाभ किसानों की लाभप्रदता को बढ़ाते हैं, ताजा उपज की तेजी से डिलीवरी को सक्षम करते हैं और एग्रीकल्चर सप्लाई चेन में एनवॉयरमेंटल सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देते हैं।’’

भारत में अब ड्रोन टेक्नोलॉजी से होगा एग्रीकल्चर, 50 प्रतिशत तक नुकसान होगा कम

विशेष रूप से इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च एंड मैनेजमेंट (आईजेएसआरएम) में प्रकाशित एक स्टडी में कृषि सेक्टर में बर्बादी को कम करने पर ड्रोन डिलीवरी के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। शोध से पता चला कि ड्रोन-बेस्ड डिलीवरी सिस्टम के तेजी से उपयोग से फसल कटाई के बाद के नुकसान को संभावित रूप से 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

ड्रोन टेक्नोलॉजी को अपनाने से किसानों, उपभोक्ताओं और संपूर्ण तौर पर एग्री-कमोडिटी इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ होते हैं। फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान में कमी से किसानों के राजस्व में वृद्धि होती है, जबकि उपभोक्ताओं को स्थिर कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली उपज तक बेहतर पहुंच से लाभ होता है। अधिक सस्टेनेबल और कुशल प्रेक्टिसिज की ओर यह बदलाव क्षेत्र और देश की सकल घरेलू उत्पाद की समग्र वृद्धि में योगदान देता है।

स्काई एयर: परिचय

स्काई एयर ड्रोन डिलीवरी लॉजिस्टिक्स में सबसे आगे है, जो ट्रांसपोर्टेशन और डिलीवरी सिस्टम में एक बड़ा बदलाव लाने में अग्रणी है। इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के लिए प्रतिबद्ध, स्काई एयर का लक्ष्य आखिरी कोने तक डिलीवरी को आसानी से पहुंचाना, अधिक कुशल, पर्यावरण-अनुकूल और परस्पर तौर पर जुड़ी दुनिया में योगदान देना है।

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