साल 2020 में महामारी के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए पूरे देशभर में कई कारोबार बंद हो गए थे। इन्हीं कारोबार में से एक था फरीदाबाद के कुष्ठ रोगियों द्वारा गांधी चरखो की सहायता से सूत का सामान बनाना, लेकिन अब गांधी जयंती के मौके पर संस्थाएं एक बार फिर से बंद हुए गांधी चरखे को शुरू करने पर विचार कर रही है।
बता दें कि ये चरखे भारत माता कुष्ठ आश्रम में शुरू किए जाएंगे। वैसे इस काम के एक बार फ़िर से शुरू होने से शहर के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी के साथ बता दें कि इस आश्रम में सूत के तौलिए, चादर आदि सामान बनता है। चरखों को एक बार फिर से शुरू करने के लिए फिलहाल संस्थाओं ने कुष्ठ आश्रम के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया है कि, क्रिसमस के त्यौहार पर इस्तेमाल किए जाने वाले खादी के तौलिए और चादर का आर्डर उन्हीं को दिया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि इस आश्रम को 65 कुष्ठ रोगी परिवारों के सदस्यों द्वारा चलाया जाता है। उनके इस कार्य से उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है। क्योंकि सूत से बने कपड़े न सिर्फ भारत मे बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय है। इसलिए सूत का सामना वहां भी निर्यात किया जाता है। वैसे ये लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को अपना आदर्श मानते है।