Faridabad की सबसे पुरानी रामलीला का हुआ आरंभ, कलाकारों ने शुरूआत होते ही बिखरे अपनी कला के रंग

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 Faridabad की सबसे पुरानी रामलीला का हुआ आरंभ, कलाकारों ने शुरूआत होते ही बिखरे अपनी कला के रंग

बीते गुरुवार से शहर की सबसे पुरानी और सबसे चर्चित रामलीला का आरंभ हो गया है, शुरुआत के पहले दिन से ही रामलीला के कलाकारों ने रंग जमाना शुरू कर दिया है। बता दें कि लीला के पहले दिन भगवान विष्णु का विराट रूप और भगवान शिव द्वारा रावण को अपनी चंद्रहास तलवार भेंट करने का दृश्य दिखाया गया है। इसी के साथ बता दें कि यह विजय रामलीला शहर में पिछले 70 सालों से आयोजित की जा रही है।

Faridabad की सबसे पुरानी रामलीला का हुआ आरंभ, कलाकारों ने शुरूआत होते ही बिखरे अपनी कला के रंग

वैसे विजय रामलीला के साथ ही श्रद्धा रामलीला के कलाकारो ने भी सेक्टर 14 के समुदियक केंद्र में अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया, यहां पर श्रवण और दशरथ का संवाद बेहद ही बेहतरीन रहा। इस लीला की और जानकारी देते हुए लीला के निर्देशक अनिल चावला ने बताया कि,”श्रद्धा रामलीला के निर्देशक अनिल चावला ने बताया कि यूं तो तकनीक के सहारे पूरे मंचन के लिए दृश्यों को आकर्षक तैयार किया गया है, लेकिन इनमें सीता हरण और संजीवनी लाते हनुमान जी दृश्य तकनीक के सहारे आकर्षक बनाए जाएंगे। इन पर काम चल रहा है।”

Faridabad की सबसे पुरानी रामलीला का हुआ आरंभ, कलाकारों ने शुरूआत होते ही बिखरे अपनी कला के रंग

इसी के साथ ही उन्होंने बताया कि,”संवादों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आधुनिक इको सिस्टम है। आधुनिक रामलीला का सबसे महत्वपूर्ण हथियार लैपटोप है। इसमें कई सॉफ्टवेयर हैं। इसमें कुछ आवाज ढाल-तलवार का टकराना, घोड़ो की टाप, रावण की हंसी, कुछ डायलॉग, रामायण की बीट्स, रामायण के छंद और दृश्य के मुताबिक मंच की लाइटिंग सब कुछ इससे ही होगा।”

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