टूटी सड़के, सीवर ओवरफ्लो, सड़कों पर जलभराव, पेयजल आपूर्ति, बिजली कटौती के साथ साथ शहर में एक नई समस्या ने जन्म ले लिया है। इस समस्या से शहरवासियो का घर से बाहर निकाला मुश्किल हो गया है। दरअसल हम बात कर रहे है, शहर में बढ़ रहे आवारा कुत्तों के आतंक की। आए दिन शहर के सिविल अस्पताल में 30 से 40 कुत्तों के काटने के मामले आ रहे है।
बता दें कि बाकी समस्याओं की तरह ही नगर निगम इस समस्या पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हालांकि निगम कागज़ी तौर पर कुत्तों का टीकाकरण करा रहा है, उनके लिए सेक्टर्स में फीडिंग प्वाइंट बनवा रहे है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है, शहरवासियो की माने तो निगम के अधिकारियों ने ये काम सिर्फ कागजों में ही कराए है, असलियत में नहीं। उनकी लाख शिकायतों के बाद भी निगम कुछ नहीं कर रहा है। कुत्तों के आतंक की वजह से वह अपने ही घरों में कैद हो गए है, क्योंकि वह ना तो सुबह की सैर कर पा रहे है और ना ही शाम की।
वहीं निगम के अधिकारियों का कहना है कि, वह उन लोगों का चालान कर रहे है, जिन्होंने अपने कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराया है। साथ ही वह फीडिंग प्वाइंट बनाने के लिए RWA से संपर्क कर रहे है।
इस समस्या पर नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी नीतीश परवाल का कहना है कि,”शहर में नगर निगम की ओर से फीडिंग प्वाइंट बनाने को लेकर फिलहाल मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। मैंने कुछ समय पहले ही ज्वाइन किया है। इसके अलावा चालान प्रक्रिया में कितनी राशि वसूली गई और मुहिम क्यों रोक दी इस बारे में मुझे अभी कोई जानकारी नहीं है। जल्द ही इस योजना पर नए सिरे से काम किया शुरू किया जाएगा।”