जिला शिक्षा विभाग द्वारा किए गए गरीब बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के सारे वादे जूठे साबित होते हुए नज़र आ रहे है। क्योंकि शहर में बच्चों की शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था नहीं है, आलम यह है कि शहर में स्कूल है लेकिन उन में शिक्षक नहीं है। और जहां शिक्षक है वहां बच्चों के बैठने के लिए बेंच और पढ़ने के लिए किताब नहीं है।
बता दें कि शहर में फिलहाल ठीक ऐसा ही हाल PM श्री स्कूलों का है, यहां पर स्कूल के नाम पर बिल्डिंग तो है। लेकिन उन में शिक्षक नहीं है बच्चों को पढ़ाने के लिए। कुल मिलाकर अभी तक प्रधानमंत्री का PM श्री स्कूल कागजों तक ही सीमित है।
स्कूलों में शिक्षको की कमी पर जिले के सहायक प्रॉजेक्ट कोआर्डिनेटर का कहना है कि,” स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति करनें से पहले वह सैंटा टेस्ट लेते हैं। जब वह इस टेस्ट को क्वॉलिफाई कर लेते है तो, वह उन शिक्षकों को ट्रेनिंग पर भेज देते है। जिसके बाद उनकी ट्रेनिंग पूरी होने पर उन्हें पीएम श्री स्कूल में नियुक्ति दे दी जाती है।”
वहीं इस पर NIT 2 स्थित PM श्री स्कूल की प्रिंसिपल उपासना कुमारी का कहना है कि,” शिक्षा विभाग ने अभी तक PM श्री स्कूल के लिए कोई भी कार्य शुरू नहीं किया है। स्कूल में पहले का ही स्टाफ काम कर रहा है। विभाग ने इन स्कूलों में नया स्टाफ नहीं भेजा है। फिलहाल पुराना स्टाफ ही इन स्कूल का काम मैनेज कर रहा है।”
जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल पहले चरण में 3 PM श्री स्कूल संचालित किए जाने थे, जिसमें से 1 स्कूल बल्लभगढ़ खंड, 1 स्कूल फतेहपुर तगा और 1 स्कूल फरीदाबाद खंड NIT 2 में है।